आधात्मिकता केसे काम करती है ।
हम लोग जब कभी भी आधात्मिक्ता के बारे मे बात करते हे , तो हम यह सोचते हे की आधात्मिक्ता एक दूसरी दुनिया हे ,लोगो मे आधात्मिकता के प्रति कई गलत धरनाए हे बल्कि ऐसा नही है । हमे यह जानना होगा की आधात्मिकता वास्तव मे है क्या।
आधात्मिकता भारत की प्राचीन संस्कृति का एक अभिन्न हिसा है।
जब आप आधात्मिक्ता के बारे मे सोचते हे तो सर्वपर्थम कोनसा विचार आता हे , आप यही सोचेते होगे की एक योगी होता है जिसकी बड़ी बड़ी दाढ़ी होती हे तन पर भगवा रंग को वस्त्र है , लेकिन यह वास्तविक मे पूरा सच नही है ,यह तो केवल योगियो का पहनावा ओर रहन सहन हे । आधात्मिकता का सरल अर्थ हे ध्यान , मुक्ति के राह पर चलना ओर मानव सरीर को विकसित बनाना है ।
जब आप आहात्मिकता के मार्ग पर अपने आप को अग्रसर करते हे तो आप शारीरिक शुख दुखो ,भोतीक आयामो से दूर चले जाते है ओर आप को अनंत शुख की प्राप्ति होती हे जो की आपको शारीरिक शुखों से नही हो पाती है ।
आधात्मिक्ता का महत्व
1 आजकल की दिनचर्या के हिसाब से हमारा आधात्म के मार्ग पर जाना भूत कठिन हे , लेकिन हमे अपने जीवन का कुछ समय आधात्म पर भी लगाना भूत अवसएक है । हमे अपने जीवन को गतिसील बनाने ओर सांसरिक माया जालो से दूर रहने के आधात्म के रास्ते पर चलना बहुत आवस्येक है ,