सत्यवान की कहानी। satyavan ki kahani.
सत्यवान की कहानी - एक दादी और एक पोती थी, जो रोज सत्यवान की कहानी सुनती थीं । लोटे में जल...
गंगा जमुना की कहानी। ganga jamuna ki kahani.
गंगा जमुना की कहानी- एक गंगा और एक जमुना थी । दोनों बहनें एक साहूकार के खेत से जा रही थीं तब जमुना...
लपसी तपसी की कहानी। lapsi tapsi ki kahani.
लपसी तपसी की कहानी - एक लपसी और एक तपसी नाम के दो भाई थे। तपसी तो भगवान की तपस्या करता था और लपसी...
तुलसी माता की कहानी। tulsi mata ki kahani.
कार्तिक महीने में सब औरतें तुलसी माता को सींचने जाती । सब तो सींच कर आतीं परन्तु एक बुढ़िया आती और कहती कि हे...
पंच भिखू की कहानी। panch bhikhu ki kahani.
पंच भीखू कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी से 5 दिन तक पंच भीखू की पूजा करें । ग्यारस बारस को नीगोट करें , तेरस को...
आंवला नवमी की कहानी।amla navami ki kahani.
कार्तिक शुक्ल नवमी को आंवला नवमी का व्रत किया जाता है । इस आंवला नवमी के व्रत को करने से व्रत ,...
गंगा मैया की संपूर्ण कथा। ganga maiya ki kahani.ganga maiya ki katha. ganga avtaran...
हम जानेंगे गंगा मैया(माता) की कहानी और इतिहास के बारे में। गंगा माता कैसे आई, गंगा जी कहां जाएगी, गंगा जी को विष्णुपदी और...
वट सावित्री व्रत 2021,वट सावित्री व्रत कथा,vat Savitri amavasya 2021
जून माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री का व्रत किया जाता हैं,जो स्त्रियों का महत्वपूर्ण पर्व है।यह व्रत - मूलत :...
नल दमयंती की कहानी (नल दमयंती की कथा)। nal damyanti ki kahani(katha).
नल दमयंती की कथा: निषध देश में वीरसेन के पुत्र नल नाम के एक राजा हो चुके हैं । वे बड़े गुणवान् , परम सुन्दर , सत्यवादी , जितेन्द्रिय , सबके प्रिय , वेदज्ञ एवं ब्राह्मणभक्त थे । उनकी सेना बहुत बड़ी थी । वे स्वयं अस्त्रविद्या में बहुत निपुण थे । वे वीर , योद्धा , उदार और प्रबल पराक्रमी भी थे । उन्हें जूआ खेलने का भी कुछ - कुछ शौक था । उन्हीं दिनों विदर्भ देश में भीम नामके एक राजा राज्य करते थे । वे भी नल के समान ही सर्वगुण सम्पन्न और पराक्रमी थे । उन्होंने दमन ऋषि को प्रसन्न करके उनके वरदान से चार संतानें प्राप्त की थीं — तीन पुत्र और एक कन्या । पुत्रों के नाम थे - दम , दान्त और दमन । पुत्री का नाम था - दमयन्ती । दमयन्ती लक्ष्मी के समान रूपवती थी । उसके नेत्र विशाल थे । देवताओं और यक्षों में भी वैसी सुन्दरी कन्या कहीं देखने में नहीं आती थी । उन दिनों कितने ही लोग विदर्भ से निषध देश में आते और राजा नलके सामने दमयन्ती के रूप और गुण का बखान करते । निषध देश से विदर्भ में जाने वाले भी दमयन्ती के सामने राजा नल के रूप , गुण और पवित्र चरित्र का वर्णन करते
भेरुजी की कथा। भेरू जी महाराज की कथा। bheru ji ki katha.
भेरुजी की कथा : हिंदू धर्म में भैरव को शिव जी का पांचवा रूप माना गया है। भैरव का रूप इतना भयावह है कि...