Homeपोराणिक कहानियाRai ki kahani, राई की कहानी

Rai ki kahani, राई की कहानी

एक ब्राह्मण देवता था । उसके राई नाम की लड़की थी । भगवान माली का वेश करके बैठ गये । बेटी ने कहा मैं बेर लेकर आऊँ , माँ ने कहा ले आ । राई बेर लेने गई तब भगवान ने उसकी आँख में मिट्टी डाल दी और वो रोती – रोती माँ के पास आई । माँ ने कहा तू क्यों रोती है तब बेटी बोली मालिन ने आँख में मिट्टी डाल दी तब माँ बेटी के साथ गई । माँ ने मालिन के बारे में पूछा उन्होंने कहा वो तो चली गई । थोड़ी दूर पर भगवान वैद्य बन कर बैठ गये । वैद्यजी को माँ ने कहा कि मेरी बेटी की आँख में से रेत निकाल दो । तब भगवान बोले मैं रेत जब निकालूँ तेरी बेटी की शादी मुझसे करे । जब माँ ने हाँ कर दी । वो वापस घर आई और अपने पति से सारी बात बताई शादी की भी । अपने पति को शादी के लिए सामान लाने को कहा और और राई की शादी एकादशी की पक्की हुई । वो गुड़ आदि सामान लेने दुकानदार के गया । उन्होंने मना कर दिया कि हम तो भगवान की शादी में सामान देगें तुम्हें नहीं । सुनार , बजाज सभी ने सामान देने को मना कर दिया । दर्जी के गया तो उसने भी मना कर दिया । खाती , हलवाई ने सबने सब चीजों के लिए मना कर दिया । राई के पिताजी वापस आ गये । पड़ोसन को गीत गाने के लिए कहा तो उन्होंने भी पैसों के खातिर मना कर दिया । भगवान ने सब कम करने के लिए वहाँ राधा रूकमणी को भेज दिया । सारा सामान गाड़ी भर कर भेज दिया । भगवान ( सालीग्राम ) शाम को राई के साथ शादी करने के लिए बारात लेकर आए और दोनों की धूमधाम से शादी हुई। बोलो राई शालिग्राम जी की जय। शादी होकर भगवान राई के साथ अपने घर आए बोलो राई दामोदर जी की जय।