जानिए माघी पूर्णिमा का महत्व, पूजा विधि और व्रत कथा
" माघ पूर्णिमा व्रत या माघी पूर्णिमा हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता हैं । 27 नक्षत्रो में...
बसंत पंचमी की पूजा विधि। basant panchami puja vidhi.
basant panchami puja vidhi - बसंत पंचमी के दिन प्रातः काल स्नानादि करके पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। पूजा के स्थान पर सफाई करके चौका लगाए। इस पर मां सरस्वती की चौकी रखकर पीले वस्त्र बिछाए। चौकी पर मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर रखें। उन्हें श्वेत व पीले पुष्प, चंदन, पीले वस्त्र, हल्दी लगे पीले अक्षत, और वो के रूप में पीली बूंदी,चावल या पीले लड्डू अर्पित करें। स्कंद पुराण के अनुसार श्वेत वस्त्र, चंदन, श्वेत पुष्प आदि से सरस्वती मां का पूजन करें।
बसंत पंचमी की कथा।basant panchami ki katha (kahani).
बसंत पंचमी की कथा - उपनिषदों की कथा के अनुसार सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान शिव की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने प्रकृति जीवो खासतौर पर मनुष्य योनि की रचना की, लेकिन वे अपनी सृजनता से संतुष्ट नहीं थे जिसके कारण चारों और मोन व्याप्त था। तब ब्रह्मा जी ने इस समस्या के निवारण के लिए अपने कमंडल में से जल लेकर छिड़का और भगवान विष्णु की स्तुति करने लगे, स्तुति सुन भगवान विष्णु ब्रह्मा जी के समक्ष प्रकट हुऐ। उनकी समस्या जानकर भगवान विष्णु ने आदिशक्ति मां दुर्गा का आवाहन किया।
होली का बड़कुल्ला। holi ka badkulla.
होली का बड़कुल्ला कैसे बनाएं- होली के 15 दिन पहले शुभ दिन देखकर गाय के गोबर से सात बड़ाकुल्ला बनायें । बाद में अपनी इच्छानुसार बड़कुल्ला बना लें । नारियल , पान , पयावड़ी , पारा , पीड़ा , तवा , बेलन , चकला, तारा,और कई तरह के खिलौने बनाएं । फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को गोबर की पांच ढाल , एक तलवार , एक चांद , सूरज , एक नारियल , रोटी , सवा रोटी जम एक होलिका माई , एक पान बनाएं ।
महाशिवरात्रि की कहानी। mahashivratri ki kahani(katha).
महाशिवरात्रि की कहानी - एक बार माता पार्वती ने भगवान शिवशंकर से पूछा कि ऐसा कौन सा श्रेष्ठ और सरल व्रत पूजन है जिससे मृत्यु लोक के प्राणी सहज ही आपकी कृपा प्राप्त कर लेते हैं?उत्तर में शिवजी ने माता पार्वती को शिवरात्रि के व्रत की विधि बता कर महाशिवरात्रि की कथा सुनाई - एक बार चित्रभानु नाम का एक शिकारी था जो पशुओं का शिकार करके अपने परिवार को पालता था। उससे कारी ने एक साहूकार से ऋण लिया था लेकिन वह उसे समय पर चुका नहीं सका,
सकट चौथ की कहानी। sakat chauth ki kahani(katha).
सकट चौथ व्रत हर साल माघ मास की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान गणेश से अपने बेटे की लंबी...
मकर संक्रांति की कहानी। makar sankranti ki kahani(katha).
मकर संक्रांति की कहानी - राजा सगर नाम के एक सूर्यवंशी सम्राट थे, उनकी दो नारियां थी, बेदमी और शैव्या । रानी शैव्या से एक पुत्र उत्पन्न हुआ जिसका नाम असमन्जस रखा गया , दूसरी रानी बेदमी ने भी पुत्र की कामना से भगवान शंकर की उपासना की । शिवजी के वरदान से उसे भी गर्भ हो गया । पूरे सौ वर्ष बीत जाने पर उसके गर्भ से एक मांसपिण्ड की उत्पत्ति हुई, उसे देखकर वह बहुत दुःखी हुई और उसने भगवान शिव का ध्यान किया । तब शिवजी ब्राह्मण के वेश में उसके पास पधारे और उस मांसपिण्ड को साठ हजार भागों में बांट दिया । वे सभी टुकड़े पुत्र रूप में बदल गए ।
मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती हैं। Makar Sankranti kyon manai jati h.
मकर सक्रांति का पर्व प्रतिवर्ष 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य धनु राशी से मकर...
तुलसी विवाह की कहानी। tulsi vivah ki kahani.
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है किन्तु भारत के कतिपय प्रान्तों में तो...
पंच भिखू की कहानी। panch bhikhu ki kahani.
पंच भीखू कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी से 5 दिन तक पंच भीखू की पूजा करें । ग्यारस बारस को नीगोट करें , तेरस को...