Homeएकादशीअपरा एकादशी व्रत कथा। Apara ekadashi vrat Katha in hindi.

अपरा एकादशी व्रत कथा। Apara ekadashi vrat Katha in hindi.

अपरा या अचला एकादशी जेष्ठ माह की कृष्ण पक्ष एकादशी को कहते हैं।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अपरा एकादशी का व्रत करने से मोक्ष मिलती है जिससे स्वर्ग की प्राप्ति होती हैं।

अपरा एकादशी व्रत कथा।

अपरा एकादशी व्रत कथा। Apara ekadashi vrat Katha in hindi.
अपरा एकादशी व्रत कथा

अपरा एकदशी व्रत कथा- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुराने समय में महिध्वज नामक एक बहुत ही दयालु व धार्मिक राजा था। चारों और उसके नाम की यश व कीर्ति फैली हुई थी। सभी लोग मही ध्वज का गुणगान किया करते थे। मई ध्वज के एक छोटा भाई वज्र ध्वज था।

जो अपने बड़े भाई के यश व कीर्ति तथा चारो और जय जयकार के कारण महीध्वज से ईर्ष्या करने लगा था। एक दिन अवसर पाकर वज्र ध्वज ने मही ध्वज की हत्या कर दी ,और नगर के बाहर एक पीपल के पेड़ के नीचे उसे गाड़ दिया।

असमय मृत्यु के कारण महीध्वज की मुक्ति नहीं हुई और वह प्रेत बन गया। और पीपल के पेड़ पर रहने लगा।

एक दिन एक ऋषि पीपल के पेड़ के नीचे से जा रहे थे तो उन्होंने अपने तपोबल की शक्ति के कारण प्रेत को देख लिया और उसके प्रेत बनने का कारण पूछा।

प्रेत महीध्वज ने सारी बात बताई। तब ऋषि ने स्वयं प्रेत के लिए अपरा एकादशी का व्रत किया और अपने व्रत का फल प्रेत को दे दिया जिससे प्रेत की मुक्ति हुई और उसे स्वर्ग की प्राप्त हुई।

अपरा एकादशी व्रत का महत्व

अपरा एकादशी के महत्व के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था। अपरा एकादशी का व्रत पूरे विधि विधान से करने वाले व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। गाय की हत्या करने का पाप, गर्भस्थ शिशु की हत्या करना जैसे पापों से भी अपरा एकादशी के व्रत करने से मुक्ति मिलती है। और अंततः स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है।

अपरा एकादशी व्रत की विधि

  • एकादशी के दिन प्रातः सूर्योदय से पहले उठे।
  • नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • और व्रत का संकल्प लें
  • भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करें।
  • उपवास के दौरान फलाहार कर सकते हैं।
  • सायंकाल में भगवान विष्णु की आराधना करें।
  • भगवान को भोग लगाएं और ब्राह्मणों को भोजन कराएं
  • ब्राह्मणों को भोजन के पश्चात यथाशक्ति दान दक्षिणा दें
  • और सात्विक भोजन से व्रत का पारण करें।

अपरा एकादशी व्रत में सावधानियां

  • भोजन में लहसुन प्याज और चावल का इस्तेमाल ना करें
  • व्रत के दिन घर में मांसाहारी भोजन ना बनाएं।
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