हनुमान जयंती – 27 अप्रैल 2021
हनुमान जयंती हिंदुओं का महापर्व है इस दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था। माना जाता है कि रावण को दिव्य शक्ति प्राप्त होने के बाद शिवजी से मोक्ष की प्राप्ति हेतु वरदान मांगा था इसलिए रावण को मोक्ष दिलवाने हेतु ही शिव जी ने हनुमान जी के रूप में जन्म लेकर राम के हाथों रावण को मोक्ष दिलाने के लिए यह लीला रची थी।हनुमान जयंती व्रत व पूजन विधि

यह व्रत हनुमान जी की जन्म तिथि चैत्र शुक्ल पूर्णिमा का है हनुमान जयंती के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर श्री राम जानकी और हनुमान जी का स्मरण करके प्रातः स्नानादि से निवृत्त हो जाए। इसके बाद हाथ में जल लेकर संकल्प करके हनुमान जी की प्रतिमा के समीप पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठे,और विनम्रता से प्रार्थना करें-
अतुलितबालधामं स्वर्णशैलाभदेहमं
दनुजवनकृशनु ज्ञानीनामाग्रगण्यमं
सकलगुण निधान वानरणामधीशं
रघुपतिवरदुतम वातजातम नमामि।
श्री हनुमान जी का यथा विधि षोडशोपचार विधि से पूजन करें ( स्त्रियां हनुमान जी को स्पर्श न करें अतः पंचोपचार विधि से पूजन करें) किसी नदी या कोई काजल लेकर उसमें श्री जल (गंगाजल) मिला दे। इस जल से श्री हनुमान जी को स्नान कराएं। वस्त्र हेतु लाल करोपिन और पितांबर, तथा गंध हेतु केसर युक्त चंदन ले, मंजू की यज्ञोपवीत, पुष्पों में सतपत्र अर्थात हजारा, केतकी, कनेर में पीले पुष्प, धूप में अगर तगर दmदीपक में गौ घृत पूर्ण बत्ती, तथा निवेद्य में घृत पूर्ण पुआ या आटे को घी में सेककर शक्कर गुड़ मिलाकर बनाए गए लड्डू या केला आदि फल अर्पित करें। तत्पश्चात निराजन नमस्कार पुष्पांजलि और प्रदक्षिणा के पश्चात निम्न मंत्र से प्रार्थना करें-
मनोजवं मरूततुल्यवेग जितेंद्रिय बुद्धिमतं वरीष्ठम।
वातत्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूत शिरासा नमामि।
अब प्रसाद वितरण करें रात्रि में दीपक जलाकर स्त्रोत पाठ, गायन, वादन और कीर्तन करते हुए रात्रि जागरण करें।