सारनाथ का अशोक स्तंभ।sarnath ka ashok stambh.

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सारनाथ का अशोक स्तंभ मौर्य सम्राट अशोक के द्वारा 250ईसा पूर्व में वाराणसी (उत्तरप्रदेश) में बनवाया गया था। इसकी खोज अंग्रेज सिविल इंजिनियर फ्रेडरिक ओरटेल के द्वारा 1904-05 में की गई। इस स्तंभ पर गौतम बुद्ध का धर्मचक्र प्रवर्तन उल्लेखित है। अशोक ने इस स्तंभ पर ब्राह्मी लिपि में उल्लेखित करवाया की जो भी भिक्षु या भिक्षुणी संघ में फूट डालेंगे या संघ की निंदा करेंगे तो उन्हें सफेद वस्त्र पहना कर संघ से बाहर कर दिया जाएगा।

सारनाथ के अशोक स्तंभ पर 4 सिंह पीठ सटाए हुए व चारों दिशा में मुंह करके बैठे हुए हैं। तथा स्तंंभ के निचले फलक पर एक हाथी,एक सिंह,एक बैल व एक घोड़े की आकृति है ।इस प्रकार सारनाथ स्तंभ पर कुल 5 सिंह प्राप्त हुए हैं ।

सारनाथ का अशोक स्तंभ ही भारत का राष्ट्रीय चिन्ह भी है सारनाथ अशोक स्तंभ में कुल 24 तीलियां हैं। वर्तमान में सारनाथ का स्तंभ बनारस के म्यूजियम में रखा गया है।

अशोक स्तंभ पर अशोक के उल्लेख के अतिरिक्त कुषाण काल के तथा गुप्त काल के उल्लेख मिलते हैं। गुप्त काल के उल्लेख में समितियों के आचार्यों के बारे में लिखा गया है।

इस अशोक स्तंभ की ऊंचाई निर्माण समय में 17.55 मीटर थी किन्तु वर्तमान समय में इसकी ऊंचाई मात्र 2.03 मीटर ही रही हैं। इस अशोक स्तंभ को 8 फीट लंबे और 16 फीट चौड़े तथा 18 फीट ऊंचाई के बड़े चबूतरे पर बनवाया था।

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