Veer Savarkar jayanti 2021, जानिए वीर सावरकर जी के बारे में संपूर्ण जानकारी

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Veer Savarkar jayanti 2021: शुक्रवार 28 मई 2021

वीर सावरकर भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी व क्रांतिकारी नेता थे। वीर सावर जी की आज 135 वी जयंती है। वीर सावरकर का पूरा नाम वीर विनायक दामोदर सावरकर है। वीर सावरकर ने हिंदू धर्म से परिवर्तित हुए लोगों को वापस हिंदू धर्म में लाने के बहुत प्रयास किए।

इनका जन्म 28 मई 1883 में महाराष्ट्र के नासिक शहर के पास भागुर गांव में हुआ। तथा मृत्यु 26 फरवरी 1966  में मुंबई महाराष्ट्र में 83 वर्ष की आयु में हुई।

इनके पिता जी के नाम दामोदर सावरकर जी व इनकी माता का नाम राधाबाई सावरकर था। नव वर्ष की छोटी आयु में ही वीर सावरकर जी की माता का देहांत हो गया था।

वीर सावरकर के दो भाई गणेश सावरकर व नारायण सावरकर तथा एक बहन मैंना सावरकर थी

विनायक दामोदर सावरकर की उपाधियां

विनायक दामोदर सावरकर को दो उपाधियां मिली है। दोनों की पाद दिया पीके अत्रे ने इन्हें दी थी।पहली वीर और दूसरी स्वातंत्र्यवीर।

विनायक दामोदर सावरकर कैसे बनी वीर सावरकर

वीर सावरकर को कांग्रेस से एक बयान को लेकर पार्टी ने इन्हें बाहर निकाल दिया था और इनका विरोध भी किया लेकिन फिल्म कलाकार पीके अत्रे ने पुणे के बालमोहन थिएटर में ने बुला कर इनका स्वागत किया और वहां पर हजारों की भीड़ भी एकत्रित हुई। इसी कार्यक्रम के दौरान पीके अत्रे ने इन्हें वीर की उपाधि से सम्मानित किया।

थिएटर में जब वीर सावरकर का स्वागत कार्यक्रम आयोजन हो रहा था तब बाहर कांग्रेस ने इन्हें काले झंडे दिखाए और इनका बहुत विरोध भी किया और हंगामा भी किया। तब कार्यक्रम के दौरान पीके अत्रे ने कहा कि जो व्यक्ति काले पानी की सजा से भी नहीं डरा वह काले झंडों से क्या डरेगा ? इसी कार्यक्रम के दौरान ही पीके अत्रे ने वीर सावरकर को स्वातंत्र्यवीर की उपाधि से भी सम्मानित किया।

इसके बाद ही विनायक दामोदर सावरकर को वीर सावरकर के नाम से जाना जाने लगा।

वीर सावरकर द्वारा लिखी गई पुस्तक

वीर सावरकर ने 1909 में “द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस 1857 ” नामक पुस्तक लिखी।

इस पुस्तक में उन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को आजादी की पहली लड़ाई के रूप में लिखा।

वीर सावरकर की जीवन यात्रा

वीर सावरकर बचपन से ही पढ़ने में बहुत अच्छे थे। उन्होंने अपने दसवीं तक की पढ़ाई नासिक में ही शिवाजी हाई स्कूल से 1901 में 10 वी पास की थी।

Veer Savarkar jayanti 2021, जानिए वीर सावरकर जी के बारे में संपूर्ण जानकारी

वीर सावरकर ने मित्र मेला नाम की एक सोसाइटी भी बनाई थी। जो आजादी की लड़ाई के लिए बनाई गई थी। उन्होंने 1905 में बंगाल विभाजन के बाद विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार मैं भी जोरों शोरों से बढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने अपने कॉलेज की पढ़ाई पुणे महाराष्ट्र में फर्ग्युसन कॉलेज से की थी।

अंग्रेजों का विरोध करने के कारण इन्हें 1911 से 1921 तक अंडमान की जेल में भेज दिया गया।

जेल से लौटने के बाद फिर से इन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ विरोध करना शुरू कर दिया जिसके कारण इन्हें 3 साल जेल में और डाल दिया गया। जेल में रहते हुए वीर सावरकर जी ने हिंदुत्व पर एक ग्रंथ भी लिखा।

1937 में वीर सावरकर जी को हिंदुत्व को बढ़ावा देने वह परिवर्तित किए गए हिंदुओं को वापस हिंदू धर्म में लाने के कारण इन्हें हिंदु महासभा का अध्यक्ष भी चुना गया। वीर सावरकर जी ने हिंदुत्व की विचारधारा की नीव रखी।

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