बसंत पंचमी की पूजा विधि। basant panchami puja vidhi.

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माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी का दिन ऋतुराज बसन्त के आगमन का प्रथम दिवस माना जाता है । इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का पूजन किया जाता है बसंत पंचमी का त्यौहार भारत, नेपाल, बांग्लादेश के अलावा कई राष्ट्रों में मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण इस उत्सव के अधिदेवता है ‘ इसलिए ब्रज प्रदेश में आज के दिन राधा और कृष्ण के आनन्द विनोद की लीलाएं बड़ी धूमधाम से मनायी जाती हैं ।

इस दिन से फाग उड़ाना प्रारम्भ करते हैं । जिसका क्रम फाल्गुन की पूर्णिमा तक चलता है । बसन्त पंचमी के दिन गेहूँ और जौ की स्वर्णिम बालियाँ भगवान को अर्पित की जाती हैं।इस दिन मां सरस्वती के पूजन का विशेष महत्व है।

बसन्त पंचमी के दिन किसान लोग नए अन्न मे गुड़ और घी मिश्रित करके अग्नि को अर्पित करके भोग लगाते हैं और पितृ तर्पण करते हैं इस दिन विष्णु भगवान और सरस्वती देवी का भी पूजन किया जाता है । बसन्त ऋतु में प्रकृति का सौन्दर्य निखर उठता है । पक्षियों का कलरव , भौरों की गुंजार तथा पुष्पों की सुगन्धयुक्त मादकता युक्त वातावरण बसन्तऋतु की अपनी विशेषता है । अर्थात् वसन्तऋतु कामोद्दीपक होती है । इसी दिन कामदेव और रति का प्रधान रूप से पूजन करते हैं ।

बसंत पंचमी की पूजा विधि। basant panchami puja vidhi.

बसंत पंचमी की पूजा विधि। basant panchami puja vidhi.
बसंत पंचमी की पूजा विधि। basant panchami puja vidhi.

basant panchami puja vidhi – बसंत पंचमी के दिन प्रातः काल स्नानादि करके पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। पूजा के स्थान पर सफाई करके चौका लगाए। इस पर मां सरस्वती की चौकी रखकर पीले वस्त्र बिछाए। चौकी पर मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर रखें। उन्हें श्वेत व पीले पुष्प, चंदन, पीले वस्त्र, हल्दी लगे पीले अक्षत, और वो के रूप में पीली बूंदी,चावल या पीले लड्डू अर्पित करें। स्कंद पुराण के अनुसार श्वेत वस्त्र, चंदन, श्वेत पुष्प आदि से सरस्वती मां का पूजन करें।

यदि चाहे तो बसंत पंचमी के दिन व्रत रख सकते हैं, व्रत रखने वाले मनुष्य को निराहार रहकर व्रत का पालन करना चाहिए और व्रत कथा सुननी चाहिए। विधिपूर्वक कलश की स्थापना करके गणेश जी , सूर्यदेव , भगवान विष्णु तथा महादेव जी की पूजा करनी चाहिये । बसन्त पंचमी हमारे आनन्द के अतिरेक का प्रतीक है । सभी भारतीय इस पर्व को हर्षोउल्लास से मनाते हैं ।

बसंत पंचमी पूजा सामग्री – मां सरस्वती की पूजा में पीले या श्वेत वस्त्र, चंदन, पुष्प ,अक्षत, मिष्ठान, गुड, गन्ना, नारियल, श्रीफल, धूप ,दीप,नैवेद्य, माला, व प्रसाद रखें।

बसंत पंचमी के दिन क्या करें और क्या ना करें

  • वसंत पंचमी के दिन मांस, मदिरा आदि से दूर रहें व तामसिक भोजन का सेवन ना करें।
  • बसंत पंचमी के दिन पितृ तर्पण करना चाहिए।
  • इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • यदि हो सके तो बसंत पंचमी के दिन श्वेत या पीले वस्त्र धारण करें।
  • बसंत पंचमी के दिन पेड़ पौधे ना काटे और प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले कार्य ना करें।
  • बसंत पंचमी के दिन स्नान अवश्य करें और सरस्वती मां का पूजन करें।

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