Chaudhary Charan Singh, चौधरी चरण सिंह की जयंती 2021

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चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के किसान राजनेता थे। इनके जन्मदिन 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। 23 दिसंबर 2021 को इनकी 119 वी जयंती है।

यह 28 जुलाई 1979 से लेकर 14 जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। यह भारत के किसी भी प्रधानमंत्री में सबसे कम दिन तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे। चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए कभी भी भारतीय संसद में नहीं गए थे।

चौधरी चरण सिंह का जन्म व मृत्यु

चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में हुआ था।और मृत्यु 85 वर्ष की आयु में 29 मई 1987 को नई दिल्ली में हुई।

चौधरी चरण सिंह की शिक्षा

चौधरी चरण सिंह जी की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव नूरपुर में ही हुई थी तथा उन्होंने मेरठ से 12वी की पढ़ाई पूरी की। 12वीं के बाद उन्होंने से b.a. किया। तथा स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने गाजियाबाद से वकालत की पढ़ाई पूरी की।

चौधरी चरण सिंह का राजनीतिक जीवन

वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद चरण सिंह जी 1929 में गाजियाबाद से वापस मेरठ आ गए। वहां पर इनका विवाह गायत्री देवी से हुआ।

इस समय तक गांधी जी के निर्देशन में स्वतंत्रता के आंदोलन चरम सीमा पर पहुंच चुका था देश में चारों तरफ स्वतंत्रता के लिए नारे लगते हैं और लोग बढ़-चढ़कर आंदोलन में भाग लेने लगे थे चौधरी चरण सिंह जी भी अपने आपको इससे अलग नहीं रख पाए और अपनी वकालत को छोड़कर आंदोलन में हिस्सा लिया और उस समय देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।

यह आंदोलन में भाग लेते हुए कुशल कार्यकर्ता बन चुके थे कांग्रेस में इनकी छवि भी अब कुशल कार्यकर्ता के रूप में उभर कर सामने आने लगी और 1937 के विधानसभा चुनाव में इन्होंने छत्रवाली विधानसभा से जीत दर्ज करके अपनी राजनीतिक कुशलता का प्रमाण दिया।

चौधरी चरण सिंह के दो बार 3 अप्रैल 1967 से17 अप्रैल 1967 तक व दूसरी बार 17 फरवरी 1970 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।

चौधरी चरण सिंह भारत के गृह मंत्री,वित्त मंत्री, उप प्रधान मंत्री व प्रधानमंत्री के पदों को सुशोभित कर चुके हैं।

चौधरी चरण सिंह का प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल

प्रधानमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल सबसे कम रहा है यह 1 साल से भी कम समय के लिए भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं। यह एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री है जो कभी संसद में नहीं गए।

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