ताड़ासन। Tadasana in hindi, 2. tadasana information.

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ताड़ासन या समस्थिति : इस आसन की स्थिति ताड़ वृक्ष जैसी होने के कारण इसे ताड़ासन कहते हैं। ताड़ासन को समस्थिति आसन(samasthiti asana) भी कहा जाता है। ताड़ासन का योगासनों में विशेष स्थान माना गया है क्योंकि यह शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक होता है। ताड़ासन को उन मूल आसनों में से एक माना गया है जिनको बड़ी सरलता और धैर्य के साथ किया जा सकता है तो आइए जानते हैं ताड़ासन के बारे में

ताड़ासन का अर्थ। Meaning of Tadasana.

ताड़ासन संस्कृत भाषा से लिया गया है जो दो शब्दों से मिलकर बना है “ताड़ + आसन”। जिसका अर्थ होता है खजूर का पेड़(लम्बा) + मुद्रा। इस आसन की स्थिति ताड़(खजूर) वृक्ष के जैसी होने के कारण ताड़ासन नाम दिया गया है। यह खड़े होने की मौलिक स्थिति है। भारतीय साहित्य के अति प्राचीन ग्रंथ ताड़पत्रों पर ही लिखे जाते थे। राहगीरों को छाया न देने वाले तथा अधिक ऊंचाई पर फल लगने वाले ताड़-खजूर की हिंदी साहित्य में भी प्रशंसा नहीं की गई परंतु योगासनों में ताड़ासन का अपना महत्वपूर्ण स्थान है।

ताड़ासन की विधि। tadasana yoga kaise karte hain.

Method of tadasana – ताड़ासन का अभ्यास करना बहुत आसान है इसका पूर्ण लाभ लेने के लिए हमें ताड़ासन को सही विधि से करना होगा

ताड़ासन। Tadasana in hindi, 2. tadasana information.
ताड़ासन ।
  • सर्वप्रथम सीधे खड़े हो जाए और कमर में गर्दन को सीधा रखें।
  • अब अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाए और अंगुलियों को आपस में मिलाएं।
  • अब अपने दोनों हाथों को सीधा करें और स्ट्रेस करें।
  • अपनी ऑडियो को ऊपर की ओर उठाते हुए पंजों के बल या अंगुलियों पर शरीर को संतुलित करें।
  • इस दौरान आपके पूरे शरीर में पैरों से लेकर हाथों की अंगुलियों तक स्ट्रेस(खिंचाव)उत्पन्न होना चाहिए।
  • 10 सेकंड तक आसन की स्थिति में बने रहे।
  • अब सांस छोड़ते हुए शुरुआती अवस्था में आ जाए।
  • इस आसन में सिर कमर ऐडी आदि को सम रेखा में रखकर खड़े होना चाहिए।
  • हाथों व पैरों में सही खिंचाव रखना ताड़ासन में आवश्यक होता है।
  • यदि ताड़ासन को करते समय आपका संतुलन ना बने तो किसी की मदद से इस आसन को कर सकते हैं। दी गई विधि को चित्र अनुसार करें।

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ताड़ासन के लाभ (ताड़ासन के फायदे)। Benefits of Tadasana in hindi.

ताड़ासन के फायदे(tarasan ke fayde) – इस आसन को करने से शरीर को अनेक लाभ मिलते हैं इसलिए ताड़ासन को योगासनो में विशेष स्थान दिया गया है तो आइए जानते हैं ताड़ आसन के लाभ के बारे में।

1. रीढ स्तंभ को मजबूत करता है। Strengthens the spine.

इस आसन को करने से रीढ स्तंभ स्वस्थ रहता है। इससे रीड की हड्डी का लचीलापन बढ़ता है और कठोरता दूर होती है। यह रीढ स्तंभ में टेढ़ापन के विकार को दूर कर रीढ स्तंभ को मजबूत करता है।

2. कमर दर्द से राहत दिलाता है। Gives relief from back pain.

यदि आपको कमर दर्द की शिकायत रहती है तो यह आसन आपको लाभदायक साबित होगा। इस आसन को करने से कमर की स्ट्रैचिंग होती है जिससे मांसपेशियां और रीड की हड्डी में खिंचाव उत्पन्न होता है जो कमर के दर्द को कम करने में सहायक है।

3. लंबाई बढ़ाता है। Increases length.

ताड़ासन को लंबाई बढ़ाने में विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है। कम लंबाई वालों को योगा टीचर ताड़ासन करने के लिए कहते हैं। इस आसन को करने से पूरे शरीर में स्ट्रैचिंग होती है अर्थात इस आसन को करते समय हम शरीर को ऊपर की तरफ खींचते हैं जिससे पूरे शरीर में खिंचाव उत्पन्न होता है जिससे हमारी लंबाई धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। इसलिए आपकी भी लंबाई यदि कम है तो आप रोजाना ताड़ आसन का अभ्यास कर सकते हैं।

4. शरीर के संतुलन को बढ़ाता है। Increases body balance.

ताड़ासन हमारे शरीर के संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करता है। क्योंकि जब हम ताड़ासन का अभ्यास करते हैं तो पंजों और अंगुलियों के बल खड़े होते हैं तब हमें शरीर का संतुलन बनाना पड़ता है। रोजाना ताड़ासन अभ्यास से शरीर का संतुलन बढ़ता है और इसके साथ साथ यह शरीर में लचीलापन बढ़ाने का भी कार्य करता है।

5. मन की एकाग्रता में सुधार करता है। Improves concentration of mind.

आसन्न हमें हमारी चेतना से जुड़ने में मदद करता है और मानसिक जागरूकता को बढ़ाता है। इस आसन को करते समय लंबे समय तक एक ही मुद्रा में संतुलन बनाए रखने के कारण एकाग्रता बढ़ती है। योग से हमें शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक लाभ भी होते हैं। ताड़ासन को करने से हम अधिक सतर्क, रचनाशील, शांत और एकाग्र चित्त महसूस करते हैं।

6. पैरों को मजबूत करता है। Strengthens legs.

ताड़ासन योग पैरों की समस्याओं जैसे कि पैरों में सूजन, पैर सुन्न रहना, दर्द, जलन और झनझनाहट के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। ताडासन को करते समय पैरों में खिंचाव उत्पन्न होता है जिससे यह आसन पैरों की कमजोरी को दूर कर पैरों को मजबूत करता है।

7. मांसपेशियों को विकसित करता है। Develops muscles.

ताड़ासन(tarasan) मांसपेशियों और नसों को मजबूत और सब्बल बनाता है। इस आसन के रोजाना अभ्यास से मांसपेशियों की मरोड़ व ऐठन की समस्या दूर होती है और मांसपेशियों का विकास होता है।

8. रोम छिद्रों के अवरोध को दूर करता है। Removes clogged pores.

ताड़ासन शरीर से पसीना निकलने वाले छिद्रों के अवरोध को दूर करता हैं। जिससे हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थ पसीने के साथ आसानी से बाहर निकलने लगते हैं और शरीर की सफाई अच्छे तरीके से होने लगती हैं। जिससे त्वचा साफ व चमकदार होने लगती हैं।

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ताड़ासन की सावधानियां। Precautions of Tadasana in hindi.

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ताड़ासन
  • गर्भवती महिलाओं के लिए यह आसन वर्जित है अर्थात गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए।
  • ऐसे व्यक्ति जिनके घुटने में दर्द हो और ताड़ासन को करने में अधिक कठिनाई महसूस हो उन्हें भी यह आसन नहीं करना चाहिए।
  • इस आसन को करने या सीखने के शुरुआती दिनों में पैरों की उंगलियों पर अधिक दबाव ना डालें केवल पंजों के बल ही खड़े हो।
  • ऐसे लोगों को इस आसन को करने से बचना चाहिए जिनका रक्तचाप(ब्लड प्रेशर) अत्यधिक कम हो।
  • यदि आपको सिर दर्द, पीठ दर्द और चक्कर आने की समस्या है तो इस आसन को करने से बचें।
  • ताड़ासन में स्ट्रैचिंग करते समय अत्यधिक बल का प्रयोग ना करें क्योंकि मांसपेशियों में अत्यधिक से उत्पन्न हो सकता है जिससे मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है।

ताड़ासन करने का समय। Time to do Tadasana.

प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शौच आदि से निवृत होने के पश्चात इस आसन को करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है वैसे तो सभी आसन प्रातः काल में ही किए जाते हैं। किंतु कारणवश आप इसे दिन में भी कर सकते हैं।

इस आसन को एक से डेढ़ मिनट करना चाहिए इस प्रकार प्रत्येक स्टेप(step) को 5 से 10 बार दोहराना चाहिए। प्रत्येक स्टेप में शरीर को ऊपर की ओर स्ट्रैचिंग करते समय 10 सेकंड तक रोककर रखना चाहिए।

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ताड़ासन के अन्य नाम। Other names for Tadasana.

ताड़ासन को कई नामों से जाना जाता है यहां ताड़ासन के अन्य नामों की जानकारी दी गई है।

  1. पर्वतासन (parvataasan)
  2. पाम ट्री पोज(Palm tree pose)
  3. स्वर्गीय योग(heavenly yoga)
  4. माउन्टेन पोज (mountain pose)
  5. समस्थिति आसन (samasthiti asana)

आपको बता दें कि पर्वत मुद्रा को ही माउंटेन पोज कहा जाता है।

ताड़ासन को समस्थिति क्यों कहते हैं। Why is Tadasana called homeostasis(samasthiti)?

ताड़ासन को समस्थिति कहने का मुख्य कारण यह है कि समस्थिति का अनुवाद समान स्थिति या समान टहराव के रूप में किया जाता है। जो स्थिरता के पर्याय के रूप में कार्य करता है। समस्थिति शरीर क्रियात्मक संतुलन की दशा होती है। ताड़ासन का अभ्यास करने से व्यक्ति में इन गुणों का विकास होता है और एकाग्रता आती है इसी कारण ताड़ासन को समस्थिति कहा गया है।

हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा धन्यवाद।

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