पवनमुक्तासन।pawanmuktasana in hindi.

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पवनमुक्तासन 3 शब्दों से मिलकर बना है पवन+मुक्त+आसन। अर्थात आसन की ऐसी मुद्रा जिसमें दूषित वायु से छुटकारा पाया जाता है। इसी कारण इसे पवनमुक्तासन कहते हैं। पवनमुक्तासन को पीठ के बल लेटकर किया जाता है। पवनमुक्तासन को अंग्रेजी में गैस रिलीज पॉज(gas release pose) भी कहा जाता है।

पवनमुक्तासन में पेट की अतिरिक्त वायु रिलीज होती है इस कारण यह हमें गैस संबंधी परेशानियों और अन्य बीमारियों से भी बचाता है तो आइए जानते हैं पवनमुक्तासन के बारे में पूरी जानकारी।

पवनमुक्तासन विधि। pawanmuktasana steps in hindi.

  • इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम खुले व हवादार वातावरण का चयन करें और वहां पर अपना आसन लगाएं।
  • इसके बाद सीधे पीठ के बल भूमि पर लेट जाएं।
  • अब अपने बाएं पैर को ऊपर की ओर धीरे-धीरे उठाए और घुटने से मोड़कर छाती पर लगाए।
  • दोनों हाथों की सहायता से पैर को अच्छी तरह कसकर पकड़े।
  • अब गर्दन को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाते हुए घुटने से स्पर्श कराएं।
  • इसके बाद पुनः अपनी सामान्य स्थिति में आ जाए।
  • अब यही प्रक्रिया दूसरे पांव के साथ भी दोहराए। जैसा की चित्र में दिखाया गया है।
पवनमुक्तासन।pawanmuktasana in hindi.
पवनमुक्तासन । pawanmuktasana image.

पवनमुक्तासन के फायदे। pawanmuktasana benefits in hindi.

पवनमुक्तासन के फायदे : 1 .कब्ज , अपच , गैस , आफरा व डकारवालों को इस आसन से लाभ होता है ।

2. यह आसन पाचन संस्थान को लाभ देता है । और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।

3. पवन मुक्त आसन को करने से फेफड़ों व हृदय के रोग नहीं होते ।

4. टखनों , घुटनों एवं जंघाओं के जोड़ों में जमा विषाक्त तत्वों को दूर कर उनमें लचीलापन लाता है ।

5. यह आसन यकृत , प्लीहा , आमाशय , गुर्दे आदि में जमा हुए विषाक्त तत्व नष्ट करता है ।

6. यौन तथा बवासीर रोगों में लाभ देता है ।

विशेष : पवनमुक्तासन से अपान वायु व अतिरिक्त वायु पेट से निष्कासित होती है । कब्ज वालों को दो गिलास पानी पीकर यह आसन करने से सहज रूप से मल का निष्कासन होता है

समय : एक – एक मिनट रुककर दो आवृत्ति में इस आसन को करना चाहिए ।

नौली क्रिया। नौली क्रिया करने की विधि,लाभ और सावधानियां।

पवनमुक्तासन पूर्ण। purna pawanmuktasana.

पवनमुक्तासन पूर्ण को दोनों पैरों से किया जाता है इस कारण इसे द्विपाद पवनमुक्तासन भी कहा जाता है। यह आसन बड़े हुए पेट को कम करने में भी सहायक होता है। प्रसव के पश्चात महिलाओं को यह आसन करना चाहिए।

पवनमुक्तासन पूर्ण विधि। purna pawanmuktasana steps .

  • इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम आसन पर बैठकर पीठ के बल भूमि पर लेट जाए।
  • अब दोनों पावों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं।
  • इसके बाद पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए छाती पर लगाए।
  • आप दोनों पैरों को अपने दोनों हाथों में कस कर पकड़ ले।
  • अब गर्दन को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाते हुए ठोड़ी को घुटनों से स्पर्श कराएं।
पवनमुक्तासन।pawanmuktasana in hindi.
पवनमुक्तासन पूर्ण। purna pawanmuktasana image

पवनमुक्तासन पूर्ण के फायदे । purna pawanmuktasana benefits in hindi.

  1. कब्ज , अपच , गैस , आफरा व डकारवालों को इस आसन से लाभ होता है ।
  2. यह आसन पाचन संस्थान को लाभ देता है ।
  3. इस आसन को करने से फेफड़े व दिल के रोग नहीं होते हैं।
  4. पवनमुक्तासन टखनों , घुटनों एवं जंघाओं के जोड़ों में जमा विषाक्त तत्वों को दूरकर यह आसन उनमें लचीलापन लाता है ।
  5. यौन तथा बवासीर रोगों में लाभ देता है।
  6. यह आसन यकृत , प्लीहा , आमाशय , गुर्दे आदि में जमा हुए विषाक्त तत्व नष्ट करता है ।
  7. पेट अन्दर की ओर धसता है , भूख बढ़ती है

विशेष : पवनमुक्तासन से अपान वायु व अतिरिक्त वायु पेट से निष्कासित होती है । कब्ज वालों को दो गिलास पानी पीकर यह आसन करने से सहज रूप से मल का निष्कासन होता है । प्रसव पश्चात् महिलाओं के बढ़े पेट को कम करने में इस आसन को विशेष उपादेयता है।

समय : एक – एक मिनट रुककर इस आसन की दो आवृत्ति करें ।

हम आशा करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी धन्यवाद।

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