एनी बेसेन्ट जन्म : 1 अक्टूबर , 1847
मृत्यु : 20 सितम्बर , 1933
एनी बेसेंट का जीवन परिचय।Biography of Annie Besant in hindi.

एनी बेसेंट का जीवन परिचय – एनी बेसेन्ट का जन्म 1 अक्टूबर 1847 को एमिली मॉरिस और विलियम वुड के घर लंदन , इंग्लैण्ड में हुआ और उनकी मृत्यु 20 सितम्बर 1933 को मद्रास ( भारत ) में हुई थी । वो प्रसिद्ध ब्रिटिश समाज सुधारक , महिला अधिकारों की समर्थक , थियोसोफिएस्ट लेखिका तथा वक्ता होने के साथ ही आयरिश तथा भारत की आजादी की समर्थक थी ।
20 साल की आयु में उनकी शादी फ्रेंक बेसेन्ट से हुई किन्तु शीघ्र ही अपने पति से धार्मिक मतभेदों के कारण अलग हो गयी । उसके बाद वो राष्ट्रीय सेक्यूलर सोसायटी की प्रसिद्ध लेखिका और वक्ता बन गयी और चार्ल्स ब्रेडलॉफ के सम्पर्क में आयी । वो 1877 में प्रसिद्ध जन्म नियंत्रक प्रचारक चार्ल्स नोल्टन की एक प्रसिद्ध किताब प्रकाशित करने के लिए चली गयी ।
1880 में उनके करीबी मित्र चार्ल्स ब्रेडलॉफ नार्थ हेम्पटन के संसद के सदस्य चुने गये । तब वो फैबियन सोसायटी के साथ ही मार्क्सवादी सोशल डेमोक्रेटिक फेडरेशन ( एसडीएफ ) की भी प्रमुख वक्ता बन गयी । उनका चयन लंदन बोर्ड स्कूल के हेमिल्टन टॉवर के लिए किया गया । वो 1890 में हेलना ब्लावस्टकी से मिली और थियोसोफी में रुचि लेने लगी । वो इस सोसायटी की सदस्य बन गयी और थियोसोफी में सफलतापूर्वक भाषण दिया ।
थियोसिफिक्ल सोसायटी के कार्यों के दौरान 1898 में वो भारत आयी । 1920 में उन्होंने केन्द्रीय हिन्दू कॉलेज की स्थापना में मदद की । 1907 में एनी बेसेन्ट थियोसिफिल सोसायटी की अध्यक्ष बनी , वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में जुड़ गयी । बावजूद एनी बेसेन्ट थियोसोफिक्ल सोसायटी और भारतीय होम रूल आन्दोलन में अपनी विशिष्ट भूमिका निभायी थी । इन्होंने विदेशी होने के बावजूद भी भारतीय महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ी ।
एनी बेसेंट किस धर्म से अत्यधिक प्रभावित थी?
एनी बेसेंट द्वारा लगभग 40 वर्षों तक दुनिया के महान धर्मों का अध्ययन करने के बाद पाया कि कोई भी धर्म हिंदू धर्म जितना उत्तम नहीं है। उतना पूर्ण नहीं है, न ही वैज्ञानिक, न ही आध्यात्मिक। हिंदू धर्म के रूप में दर्शन में श्रेष्ठ है। जितना अधिक आप हिंदू धर्म को जानेंगे, उतना ही अधिक आप इसे प्यार करेंगे, जितना अधिक आप इसे समझने की कोशिश करेंगे, उतनी ही गहराई से आप इसके मूल्यों को जानेंगे। हिंदुत्व के बिना भारत का कोई भविष्य नहीं है।
एनी बेसेंट के विचार। Thoughts of Annie Besant.
- भारत एक ऐसा देश है जिसमें हर धर्म के लिए जगह है।
- हिन्दू धर्म विश्व में सबसे प्राचीन और सबसे श्रेष्ठ धर्म है।
- भारत और हिन्दुत्व एक-दूसरे के पर्याय हैं. भारत और हिन्दुत्व की रक्षा भारतवासी और हिन्दू ही कर सकते हैं। हम बाहरी लोग आपकी चाहे जितनी प्रशंसा करें, किन्तु आपका उद्धार आपके ही हाथ है।
- आप किसी प्रकार के भ्रम में न रहें। हिन्दुत्व के बिना भारत का कोई भविष्य नहीं है। हिन्दुत्व ही वह मिट्टी है, जिसमें भारतवर्ष का मूल गडा हुआ है। यदि यह मिट्टी दृढ हटा ली गयी तो भारतवासी वृक्ष सूख जायेगा।
- भारत में अनेक धर्म हैं, अनेक जातियां हैं, किन्तु इनमें किसी की भी शिरा भारत के अतीत तक नहीं पहुंची है, इनमें से किसी में भी वह दम नहीं है कि भारत को एक राष्ट्र में जीवित रख सकें, इनमें से प्रत्येक भारत से विलीन हो जाय, तब भी भारत, भारत ही रहेगा. किन्तु, यदि हिंदुत्व विलीन हो गया तो शेष क्या रहेगा. तब शायद, इतना याद रह जायेगा कि भारत नामक कभी कोई भौगोलिक देश था।
- भारत के इतिहास को देखे, उसके साहित्य, कला और स्मारकों को देखिए, सब पर हिन्दुत्व स्पष्ट रूप से खुदा हुआ है।
- चालीस वर्षों के सुगम्भीर चिन्तन के बाद मैं यह कह रही हूँ कि विश्व के सभी धर्मों में हिन्दू धर्म से बढ़ कर पूर्ण, वैज्ञानिक, दर्शनयुक्त एवं आध्यात्मिकता से परिपूर्ण धर्म दूसरा और कोई नहीं है।
- पूर्व जन्म में मैं हिन्दू थी।
- भारत की ग्रामीण व्यवस्था को छिन्न भिन्न करना इंग्लैंड की सबसे बड़ी गलती थी।
- समाजवाद आदर्श राज्य है, लेकिन इसे तबतक हासिल नहीं किया जा सकता, जब तक मनुष्य स्वार्थी है।
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