राजस्थान जिला दर्शन के अंतर्गत सर्वप्रथम अजमेर जिले का अध्ययन करेंगे |अजमेर जिले के अध्ययन के अंतर्गत हम अजमेर जिले का भौतिक स्वरूप , राजनीतिक स्थिति ,इतिहास पर्यटक स्थल ,प्रमुख स्थान, प्रमुख संस्थाएं तथा मुख्य बातों का अध्ययन करेंग|

जिला दर्शन =अजमेर
अजमेर का शाब्दिक अर्थ :-
अजमेर =
अजय+मेर –
अजय = जिसे जीता ना जा सक
मेर = पर्वत अर्थात ऐसा पर्वत जिसे जीता ना जा सके

स्थापना :-
अजय पाल चौहान ने अजमेर की नींव रखी|
अजय राज चौहान ने 1113 ईस्वी में अजय मेरु दुर्ग का निर्माण करवाया |जिसे अजमेर का दुर्ग भी कहा जाता है ,और तारागढ़ दुर्ग के नाम से भी जाना जाता है | दुर्ग का निर्माण गढ़ बिठली नामक पहाड़ी पर करवाया गया इसलिए इसको गढ़ बिठली भी कहा जाता है |
अजमेर को पृथ्वीपुर तथा अजमेर अजयमेरू नाम से भी जाना जाता था |
⚫अजमेर का एक जिले के रूप में निर्माण 1 नवंबर 1956 में हुआ ,यह राजस्थान का 26 वा जिला बना|
अजमेर के उपनाम
⚫ राजस्थान का हृदय स्थल
⚫ अजयमेरु, पृथ्वीपुर
⚫ भारत का मक्का मदीना
⚫ अंडों की टोकरी
⚫ सांप्रदायिक सद्भावना का संगम
⚫ राजपूताना की कुंजी
⚫ राजस्थान का नाका
राजनैतिक स्थिति :-

⚫अजमेर राजस्थान राज्य का मध्यवर्ती जिला है| इसीलिए राजस्थान का ह्रदय भी कहा जाता है |
⚫इसकी आकृति त्रिभुजाकार है|
⚫ अजमेर जिले की सीमा रेखा जयपुर, नागौर ,पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा तथा टोंक जिलोे से लगती है|
⚫यह अजमेर संभाग में स्थित है|
भौगोलिक स्थिति :-
⚫अजमेर राजस्थान के मध्य में 25 डिग्री 38 मिनट से 26 डिग्री 50 मिनट उत्तरी अक्षांश एवं 73 डिग्री 54 मिनट से 75 डिग्री 22 मिनट पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है|
⚫क्षेत्रफल = 8481 वर्ग किलोमीटर
⚫ अरावली पर्वत श्रंखला अजमेर जिले से होकर गुजरती है| अजमेर से 5 किलोमीटर दूर नाग पहाड़ स्थित है| अरावली पर्वत श्रंखला राजस्थान में जल विभाजक का काम करती है| अरब सागर में गिरने वाली तथा बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों को बांटती है|
⚫नदियां ➡
⭐बनास, रुपनगढ़ , सरस्वती, सागरमती, खारी आदि नदियां अजमेर से होकर बहती है|
⭐सरस्वती नदी का उद्गम पुष्कर की पहाड़ियों से होता है|
⭐ रूपनगढ़ नदी किशनगढ़ से होकर बहती है
⭐ सागरमती नदी का उद्गम नाग पहाड़ी से होता है|
⚫ अजमेर में अरावली सर्वाधिक कटी फटी है इस कारण इसे मरुस्थलीय प्रसार का जिला भी कहा जाता है|
⚫ अजमेर दो जगह स्थित है|( राजस्थान के 2 जिले चित्तौड़गढ़ और अजमेर भौगोलिक रूप से दो स्थानों पर बसे हुए हैं)

⚫ अजमेर की जलवायु उपाधि जलवायु है| यहां अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस रहता है|
⚫ यहां औसत वर्षा 48.5 सेंटीमीटर होती है|
⚫ झील एवं तालाब=
⭐ पुष्कर बूढ़ा पुष्कर तथा ब्यावर नगर के पास सरगांव और करंतियां प्राकृतिक झील है|
⭐ पुष्कर झील को हिंदुओं का पंचम तीर्थ ,कोकण घाट, तीर्थों का मामा ,आदि नामों से जाना जाता है| पुष्कर झील के पास में विश्व का एकमात्र ब्रह्मा जी का मंदिर, सावित्री जी का मंदिर जो कि रत्नागिरी की पहाड़ी पर है,रंगा जी का मंदिर जो द्रविड़ शैली से निर्मित है स्थित है| पुष्कर झील के समीप कार्तिक पूर्णिमा को मेला लगता है| पुष्कर झील में 52 घाट है|
⭐ पुष्कर विश्व प्रसिद्ध झील है जिसके पास विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा जी का मंदिर है| पुष्कर झील राजस्थान की सबसे प्राकृतिक प्राचीन झील है| 1997-98 में कनाडा द्वारा पुष्कर झील का सफाई कार्यक्रम चलाया गया| इस झील का जीर्णोद्धार गोकुल चंद पारीक ने करवाया|



⭐ फाय सागर, फूल सागर, आना सागर, विशाला, जवाजा ,मकरेड़ा ,दिलवाड़ कालिंजर ,आदि प्रमुख झील एवं तालाब है|
⭐ आनासागर झील का निर्माण 1137 अरणोराज ने करवाया|

⭐फॉय झील का निर्माण फॉय इंजीनियर ने बांडी नदी द्वारा आने वाली बाढ़ का नियंत्रण करने हेतु करवाया|

अजमेर का प्रथम स्थान:-
⚫ राजस्थान की प्रथम पुष्प मंडी( केनेहेड़ा गांव)
⚫ राजस्थान की प्रथम आयुर्वेदिक औषधि प्रयोगशाला
⚫ राजस्थान का प्रथम हाईटेग डाकघर
⚫ राजस्थान का प्रथम सिस्मोग्राफ संयंत्र
⚫ राजस्थान की प्रथम हाई सिक्योरिटी जेल (घूघरा घाटी)
इतिहास :-
अजमेर की नींव सांभर शासक अजय पाल चौहान ने रखी| 1113 ईस्वी में अजय राज चौहान ने गढ़ बिठली नामक पहाड़ी पर अजय मेरु दुर्ग का निर्माण करवाया| यहां पर मुगलों ने भी शासन किया तथा अंग्रेजों ने इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया| 1832 के बाद अंग्रेजों का आगमन हुआ|(अजमेर जिला दर्शन)
मुगल शासक :-
अकबर जहांगीर शाहजहां औरंगजेब ने अजमेर पर शासन किया|
⚫ अकबर=
⭐ अकबर ने 1558 में अजमेर पर अधिकार किया
- अकबर ने पांच बार ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह की पैदल यात्रा की| ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को भारत का मक्का मदीना कहा जाता है|
- अकबर ने दुर्ग का निर्माण करवाया जिसको अकबर का किला ,दौलत खाना तथा मैगजीन दुर्ग के नाम से जाना जाता है| किले का निर्माण 1570 में करवाया गया|
- अकबर ने बादशाही भवन का निर्माण करवाया|
- अजमेर के प्रसिद्ध चूड़ियों के बाजार जिसे सहेलियों का बाजार कहा जाता है अकबर द्वारा बनवाया गया|
- अकबर ने कोस मीनार का निर्माण करवाया|
⚫ जहांगीर:-
जहांगीर ने अजमेर में1613 से 1616 में मुगल दरबार लगाया|
- जहांगीर ने पुष्कर में जहांगीरी महल का निर्माण करवाया
- उसने तारागढ़ दुर्गे की तलाशी में बेगम नूरजहां के लिए चश्मा ए नूर महल का निर्माण करवाया तथा यहीं पर एक झरना है जिससे भी चश्मा ऐनूर के नाम से जाना जाता है|
- दौलत बाग उद्यान का निर्माण जहांगीर ने करवाया अपने प्रसिद्ध चित्रकार दौलत खां की याद में जिसे वर्तमान में सुभाष उद्यान के नाम से जाना जाता है
- मुगल मेवाड़ संधि 5 फरवरी 1615 ईस्वी में हुई यह संधि जहांगीर के समय हुई इस संधि की शर्तों के अनुसार मेवाड़ के युवराज करण सिंह जहांगीर के दरबार में उपस्थित हुए जहांगीर के दरबार में उपस्थित होने वाले यह प्रथम मेवाड़ युवराज थे
- जहांगीर ने पुष्कर के वराह मंदिर की मूर्ति को पुष्कर झील में फिकवा दिया |
- सर टॉमस रो 22 दिसंबर 1615 में अजमेर आया तथा 10 जनवरी 1616 में जहांगीर के दरबार में उपस्थित हुआ
- अकबर के किले में अंग्रेजो को व्यापार करने की अनुमति जहांगीर ने दी
- जहांगीर की बेगम नूरजहां जांगिड़ से रूठ कर रूठी रानी के महल में रही थी |महल का नाम रूठी रानी का महल मालदेव की पत्नी उमा दे के कारण पड़ा
- जहांगीर ने आनासागर झील के किनारे बारहदरी का निर्माण करवाया जो सफेद संगमरमर से निर्मित है
⚫शाहजहां=
शाहजहां ने भी अजमेर पर शासन किया शाहजहां के जेष्ठ पुत्र दाराशिको का जन्म तारागढ़ दुर्ग में हुआ|
⚫औरंगजेब= शाहजहां के बाद में औरंगजेब ने अजमेर पर शासन किया
- शाहजहां के चार पुत्रों के मध्य उत्तराधिकार हेतु दोराई का युद्ध हुआ यह युद्ध अजमेर में हुआ इसमें औरंगजेब की विजय हुई तत्पश्चात औरंगजेब ने अजमेर पर शासन किया|
⚫ अंग्रेजों ने भी अजमेर पर शासन किया |1832 के बाद अंग्रेज अजमेर आए |उन्होंने अजमेर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया तथा अकबर के किले में अपनी सेना रखी इसलिए अकबर के किले को मैग्जीन दुर्ग भी कहा जाता है
प्रमुख व्यक्तित्व:-
⚫ विज्ञान क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता हरगोविंद खुराना दयानंद विद्यालय के विद्यार्थी रहे जो कि अजमेर में स्थित है
⚫ प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी का संबंध भी अजमेर से है|
⚫ सूचना का अधिकार दिलाने वाली तथा मैग्सस पुरस्कार प्राप्त अरुणा रॉय का संबंध अजमेर के तिलोनिया गांव से है|
⚫चरी नृत्य की प्रसिद्ध कलाकार फलकु बाई का संबंध अजमेर से ही है|
प्रमुख पयर्टन स्थल :-
⚫ अब्दुल्ला खान और बीवी का मकबरा सफेद संगमरमर से निर्मित है तथा रेलवे स्टेशन के पास स्थित है|
⚫ बाबू गढ़ या बजरंगगढ़ अजमेर का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है जिसका निर्माण मराठा सरदार बापूजी सिंधिया ने करवाया
⚫ घोड़े की मजार अजमेर में स्थित भारत की एकमात्र ऐसी मजार है जहां चने की दाल चढ़ाई जाती है तारागढ़ दुर्ग में बनी हुई है यह मजार मीरान साहब के घोड़े की है|
⚫ अजमेर में हाथी भाटा स्थित है |हाथी भाटा पत्थर की चट्टान से हाथी की आकृति के जैसा बना हुआ है|
⚫अड़ाई दिन का झोपड़ा यह 16 खंभों पर स्थित राजस्थान की पहली मस्जिद है जो संस्कृत कंठा भरन पाठशाला को तोड़कर बनाई गई है |संस्कृत कंठा भरण पाठशाला विग्रहराज चतुर्थ ने बनवाई थी तथा इसकी दीवारों पर हरीकेली नाटक लिखवाया था| ढाई दिन के झोपड़े में हरीकेली नाटक के अवशेष मिलते हैं|
⭐तराइन के द्वितीय युद्ध के बाद में कुतुबुद्दीन ऐबक अजमेर आया उसने ही अढाई दिन के झोपड़े का निर्माण करवाया| कई किवदंती के अनुसार अड़ाई दिन का झोपड़ा लड़ाई दिन अर्थात 7 घंटों में बनकर तैयार हो गया था और कई लोग यह मानते हैं कि यहां पर अड़ाई दिन का उर्स लगता है इस कारण इसे अड़ाई दिन का झोपड़ा कहा जाता है अड़ाई दिन का झोपड़ा कहा जाता है|
⚫ जिंदत सूरी मंदिर जिसे दादाबाड़ी नाम से जाना जाता है यह एक जैन मंदिर है|
⚫ तबीजी अजमेर में देश का प्रथम विजय मसाला अनुसंधान केंद्र स्थित है|
⚫तिलोनिया गांव में देश की एकमात्र बाल संसद स्थित है इसी गांव से सूचना का अधिकार दिलाने वाली अरुणा रॉय का संबंध भी है|
⚫ जुबली क्लॉक टावर को महारानी विक्टोरिया की स्मृति में 1886-87 में बनवाया गया|
⚫ मायो कॉलेज से अंग्रेजी शिक्षा का प्रवेश द्वार कहा जाता है 18 सो 75 में बनवाई गई इसकी आधारशिला अजमेर दरबार में लॉर्ड मेयो ने रखी| इसके प्रथम प्राचार्य ओलिवर सेंट जॉन थे| गिप्सन मायो कॉलेज का द्वितीय प्राचार्य था जिसे दानीमल ने मायो कॉलेज का शाहजहां कहा | अलवर के राजकुमार मंगल सिंह इस विद्यालय के प्रथम विद्यार्थी थे| इसका नाम कॉलेज था वास्तव में यह एक विद्यालय है जिसे अंग्रेजी शिक्षा के प्रसार हेतु बनाया गया|
⚫ बाघेरा का तोरण द्वार जो कि बघेरा गांव में स्थित है यह इतिहास के दो प्रेमी ढोला और मारू के विवाह का प्रतीक है|
⚫ संतोष बावला की छतरी पुष्कर अजमेर में स्थित है|
⚫आंतेड की छतरियां अजमेर में स्थित है जो कि दिगंबर जैन धर्म से संबंधित है |
⚫ राजस्थान की पहली पदमा डेयरी अजमेर में स्थित है|
⚫टुकड़ा का मकबरा किशनगढ़ में स्थित है|
⚫मांलियावास में राजस्थान का एकमात्र कल्पवृक्ष मेला लगता है यह मेला श्रावण मास की हरियाली अमावस्या को लगता है|
मुख्य नगर :-
⚫ ब्यावर=
- 1850 के दशक में कर्नल डिक्सन ने एक परकोटा बनवाकर इसके भीतर ब्यावर नगर को बसाया|
- कर्नल जेम्स टॉड ने भीमगढ़ ,टॉडगढ़ नाम के दो गढ़ का निर्माण करवाया जो ब्यावर के निकट बोरासवाड़ा में स्थित है|
- राजस्थान का प्रथम मिशनरी स्कूल ब्यावर में स्थित है|
⚫ किशनगढ़ =मारवाड़ के शासक किशन सिंह राठौड़ ने किशनगढ़ राज्य की स्थापना की |किशनगढ वर्तमान में अजमेर जिले का एक तहसील है|
- किशनगढ़ राजस्थान का सबसे बड़ा है हेलूम का केंद्र है|
- एशिया की सबसे बड़ी मार्बल( संगमरमर) मंडी किशनगढ़ में स्थित है|
- राजस्थान का सुप्रसिद्ध नवग्रह मंदिर किशनगढ़ अजमेर में स्थित है|
- प्रसिद्ध चित्र शैली बणी-ठणी चित्र शैली किशनगढ़ से संबंधित है|
- प्रसिद्ध गोंदू लाओ झील किशनगढ़ में स्थित है|
- खोड़ा गणेश जी का मंदिर किशनगढ़ में स्थित है|
अजमेर से सम्बन्धित अन्य मुख्य बातें:-
⚫ अजमेर की आकृति त्रिभुजाकार है|
⚫ इसका शुभंकर खरमोर पक्षी है|

⚫ इसका परिवहन कोड RJ-01 है|