Swami vivekananda jayanti speech in hindi । स्वामी विवेकानंद पर भाषण हिन्दी मे
स्वामी विवेकानंद पर भाषण
यहा पर उपस्थित प्रधानाचार्य महोदया , गुरुजनों ओर मेरे प्यारे साथियो उनको मेरा सादर नमस्कार । आज हम उनकी 158 वी जयंती मना रहे है । स्वामी विवेकानंद बचपन से ही आधात्मिक के राह पर अग्रसर रहे थे। स्वामी विवेकानंद जी का जनम 12 जनवरी 1863 मे बंगाल के एक छोटे से गाव मे हुआ था । वह एक प्रभावशाली अधत्मिक गुरु थे । उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत था उन्होने सन् 1893 के शिकागो समेलन मे सनातन धर्म का प्रथिनिधित्व किया । स्वामी विवेकानंद रामक्र्षन परमहंश के शिष्य थे । स्वामी विवेकानंद सिकांगो समेलन मे जब अमेरिका के लोगो को भाई ओर बहनो कहकर संबोदित किया तो पूरा मंच तालियो के आवाज़ से गूंज रहा था ओर लगातार तीन मिनट तक तालिया बज थी रही । जबकि उनको बोलने के लिए दो मिनट का समय दिया गया था । स्वामी जी के इस संबोदन ने अमेरिका के लोगो का दिल जीत लिया ।
अगर हम स्वामी जी के बचपन की ओर नजर डाले तो उनका जम्म एक कुलीन बंगाली परिवार मे हुआ था । उनकी माताजी बहुत ही अधत्मिक परवर्ती की थी । वे अपनी माँ से बहुत ही प्रेरित थे ।
मे आपको स्वामी विवेकानंद के जीवन का एक किस्सा आपको सुनना चाहता हु , जब वे विदेश मे एक समारोह मे उपस्थित थे । वहा उपस्थित एक महिला उनके स्पीच से बहुत प्रभावित हुई । ओर वह स्वामी विवेकानंद के पास आई ओर स्वामी से बोली की मे आप से शादी करना चाहती हु ताकि मुझे आप के जेसे ज्ञानी पुत्र की प्राप्ति हो , महिला की बात सुन स्वामी विवेकानंद बोले की मे तो एक सन्यासी हु मे आप से शादी केसे कर सकता हु अगर आप चाहो तो आप मुझे अपना पुत्र मान सकते है एससे मेरा सन्यास भी नही टूटेगा ओर आपको मेरे जेसे पुत्र के प्राप्ति भी हो जाएगी । इतना सुनते ही महिला स्वामी विवेकानंद के चरणों मे गिर गयी । एससे हमे बता चलता है की स्वामी विवेकानंद कितने महान विचारो के थे । एसे ही बहुत सारा ज्ञान हम स्वामी जी के जीवन से सीख सकते है
हम स्वामी विवेकानंद जी का जन्म दिन , हम राष्ट्रिएय युवा दिवस के रूप मे मनाते है । स्वामी विवेकानंद जी का देहांत 4 जुलाई 1902 को 39 साल की कम उम्र मे हो गया । स्वामी विवेकानंद ने भले ही दुनिया छोड़ दी लेकिन उनके विचार ओर ज्ञान आज भी लोगो के मन मे जगह बनाए हुए है
