नेशनल ओरल हेल्थ प्रोग्राम 2020 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 95% युवा मसूड़ों की समस्या से परेशान है। हमारे मुंह में 300 से भी अधिक प्रकार के बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो लाखों की संख्या में होते हैं इनमें से कुछ बैक्टीरिया ओरल हेल्थ को बिगड़ते हैं मुंह का सबसे महत्वपूर्ण अंग मसूड़े होते हैं अगर इनमें किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं है तो ओरल हेल्थ ठीक रहती हैं। लेकिन यदि मसूड़ों से खून आता है, मुंह में दुर्गंध आती है, दांतों में सेंसटिविटी और दर्द रहता है तो ऑरल हेल्थ खराब होने के प्रमुख लक्षण है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में करीबन 350 करोड लोग मुंह से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त हैं लेकिन अधिकतर लोग ओरल हेल्थ के प्रति जागरूक नहीं है। इसलिए 20 मार्च को वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं और ऑरल हेल्थ खराब होने पर कौन सी बीमारियां हो सकती हैं। इसके बचाव के क्या तरीके हैं। तथा ओरल हेल्थ से संबंधित भ्रम और उनके सच क्या है।

ओरल हेल्थ खराब होने पर हो सकती है ये बीमारियां।
1. अल्जाइमर रोग- आपकी ओरल हेल्थ खराब होने पर अल्जाइमर रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।अल्जाइमर रोग लगातार बढ़ने वाला रोग है जिसमें व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है तथा अन्य दिमागी कार्य करने की क्षमता कम होती जाती है। यह मनोरम तथा डिमेंशिया का सबसे आम कारण है। एक शोध में बताया गया कि जबडो से जुड़ी क्रेनियल नर्व तथा रक्त प्रवाह के माध्यम से ओरल बैक्टीरिया मस्तिष्क में पहुंच जाते हैं तथा अल्जाइमर रोग होने का खतरा बढ़ा देते हैं।

2. हड्डियों से संबंधित रोग- The Academy of general dentistry के अनुसार यदि मसूड़ों में सूजन, खून आना और मसूड़े कमजोर है तो इससे हड्डियां कमजोर हो सकती है तथा स्किन पर भी प्रभाव पड़ता है जिससे व्यक्ति तुलनात्मक रूप से अधिक उम्र का लगने लगता है।

3. दिल तथा दिमाग को खतरा- यदि आपकी ओरल हेल्थ खराब है तो आपको दिल तथा दिमाग से संबंधित बीमारियां हो सकती है। जो लोग मसूड़ों की समस्या से ग्रसित होते हैं उनमें हृदय की धमनियों से संबंधित जुड़ी समस्याओं का खतरा 2 गुना तक बढ़ जाता है और दिल की कार्यप्रणाली अनियमित होने से खतरा अधिक रहता है।

4. कैंसर- आपकी ओरल हेल्थ खराब होने पर कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। जनरल ऑफ नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के अनुसार एक शोध में पाया गया है कि मसूड़ों से संबंधित बीमारी होने पर पीड़ित पुरुषों में पेनक्रियाटिक कैंसर होने की संभावना 33% तक बढ़ जाती है।

बचाव के तरीके।
1. भोजन और खाद्य पदार्थ- खाने में शक्कर तथा चीनी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें। फल अधिक से अधिक खाएं। खाने में चीज फल व सब्जियों को शामिल करें मिनरल्स मसूड़ों को बीमारी से बचाते हैं अतः मुंह के कैंसर का खतरा भी कम होता है।

2. मुंह की सफाई रखें- रोजाना ब्रश करो ब्रश को 45 डिग्री के एंगल पर रखकर घुमावदार ऊपर नीचे ब्रश करना चाहिए जिससे मसूड़ों और दांतों को नुकसान की आशंका नहीं रहती। दिन में दो से तीन बार गरारे अवश्य करें। अपने पास एक अच्छा माउथवॉश रखें यदि माउथवॉश नहीं है तो आप गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे कर सकते हैं।
3. एल्कोहल तथा स्मोकिंग से दूर रहे- स्मोकिंग तथा अल्कोहल आपकी ओरल हेल्थ को अत्यधिक नुकसान पहुंचाते हैं। अगर आप भी इनका सेवन करते हैं तो कम कर दीजिए आपके इस एक स्टेप से आपकी ओरल हेल्थ में काफी सुधार हो जाएगा।

4. खाने के बाद मुंह साफ करें- यदि आप खाना खाने के बाद मुंह साफ नहीं करते हैं तो आपके मुंह में उपस्थित बैक्टीरिया शर्करा को एसिड में बदलने लगते हैं। जिससे आपके दांतो तथा मसूड़ों को नुकसान पहुंच सकता है इसलिए खाना खाने के 5 मिनट में ही मुंह को साफ कर ले
ओरल हेल्थ से जुड़े भ्रम तथा उनके सच।
1. मिथ- ब्रश को रगड़कर करेंगे तो दांत ज्यादा साफ होंगे।, फैक्ट- ब्रश को ज्यादा रगड़ कर करने से आपके दातों के ऊपर की परत इनेमल को नुकसान पहुंच सकता है दांतो के ऊपर इनेमल की परत होती है जिसको नुकसान पहुंचने पर कैविटी हो सकती है।
2. मिथ- दांतों में कैविटी केवल मीठे पदार्थ खाने से होती है। , फैक्ट- दांतों में कैविटी बिस्किट ,चिप्स या कार्बोहाइड्रेट से युक्त भोजन से भी हो सकती हैं क्योंकि इनमे कार्बोहाइड्रेट होता है जो मुंह में शर्करा में बदल जाती है।
3. मिथ – दांतों की सुरक्षा परत खत्म होने पर ही झनझनाहट होती। , फैक्ट- दांतों में झनझनाहट टूथपेस्ट में पाए जाने वाले हाइड्रोजन पैराक्साइड के कारण भी हो सकती हैं।