कैंसर के लक्षण कई प्रकार से प्रदर्शित होते हैं।कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो शांत तरीके से हमारे शरीर पर कब्जा कर लेती है। कैंसर एक जानलेवा बीमारी जरूर है लेकिन यदि कैंसर के लक्षणों को शुरुआती स्तर पर पहचान लिया जाए तो इसका इलाज संभव हो सकता है। कैंसर के लक्षण 200 से भी अधिक प्रकार के होते हैं। कैंसर के लक्षणों की पहचान यदि शुरुआती दौर में हो जाए तो कैंसर के इलाज की संभावना 70% तक बढ़ जाती है। नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के अनुसार कई कैंसर ऐसे होते हैं जिनको सही समय पर पहचाना जा सकता है। भारत में पुरुषों में सर्वाधिक पाया जाने वाला कैंसर मुख ,आहार नली, फेफड़े और पेट का कैंसर है। जबकि महिलाओं में स्तन कैंसर तथा गर्भाशय कैंसर के मामले ज्यादा आते हैं। यदि गाल मसूड़ों जीभ गले तथा शरीर के किसी अन्य हिस्से में घाव जल्दी ठीक ना हो और लंबे समय तक चले तो यह कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
भारत में कैन्सर के लक्षणों में फेफड़े का कैंसर, गले का कैंसर, तथा स्तन कैंसर प्रमुख है। कैंसर के लक्षणों को सही समय पर पहचाने।
कैंसर अत्यंत घातक बीमारी है यदि कैंसर के लक्षणों को सही समय पर ना पहचाना जाए तो यह मृत्यु का कारण बनती है। इसलिए जरूरी है कि कैंसर के लक्षणों को शुरुआती दौर में ही पहचान लिया जाए तो आइए जानते हैं कैंसर के कुछ लक्षणो के बारे में।
1. लंबी खांसी के साथ खून आना भी फेफड़ा(लंग कैन्सर), गला और गर्दन कैंसर के लक्षण।
यदि किसी व्यक्ति को कई दिनों से खांसी है तथा खांसी के साथ में खून आने लगते हैं तो यह कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। अधिक समय तक खासी के साथ छाती में दर्द ब्रोंकाइटिस या साइनसाइटिस के लक्षण होते हैं। यदि यह लक्षण एक या दो महीने से अधिक रहे तथा खांसते समय खून आए तो यह फेफड़े या गर्दन या गले का कैंसर हो सकता है। लंग कैंसर में इंसान के फेफड़ों की हालत खराब हो जाती है श्वास लेने में दिक्कत, लगातार कफ रहना, थकान रहना तथा भूख ना लगना आदि इसके लक्षण हैं।

2. भूख कम होना तथा पेट भरा हुआ लगना अंडाशय, पेट और कोलन कैंसर के लक्षण हैं।
यदि कुछ दिनों से आपकी भूख में कमी हो गई है तथा आपको ऐसा लगता है जैसे पेट भरा हुआ है या अभी अभी कुछ खाया है। तो यह अंडाशय,पेट, बड़ी आंत और पेनक्रियाज कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। भूख में कमी को 15 दिन से अधिक हो जाए तो डॉक्टर को दिखाएं।

3. लगातार सिर में दर्द रहना भी ब्रेन कैंसर का लक्षण।

ब्रेन कैंसर को ब्रेन ट्यूमर के नाम से भी जाना जाता है। इसमें शुरू में ब्रेन में ट्यूमर बन जाता है जो धीरे-धीरे फैलने लगता है। यदि आपको बार-बार सिर दर्द होता है और अधिक समय तक रहता है। यदि यह दर्द अक्सर होता है। इलाज के बाद भी ठीक नहीं होता है। और बढ़ता जाता है। दिमाग की मांसपेशियों को कमजोरी महसूस होती है तो यह ब्रेन कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। ऐसा होने पर आप तुरंत चिकित्सक से सलाह ले तथा दिखाए।
4. वजन का अनियंत्रित रूप से घटना तथा बढ़ना भी लीवर, आहार नाल, पेनक्रियाज, पेट और अंडाशय कैंसर के लक्षण।
यदि शरीर का वजन अनियंत्रित होकर घट तथा बढ़ रहा है। 5 किलो से अधिक वजन का अनियंत्रित रूप से घटना तथा बढ़ना कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। किसी व्यक्ति को कैंसर होने पर कैंसर कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करती है जिससे वजन में तेजी से गिरावट आने लगती हैं। वही अंडाशय कैंसर होने पर वजन तेजी से बढ़ने लगता है। पेनक्रिएटिक कैंसर व्यक्ति के अग्नाशय में होने वाला कैंसर है। इस कैंसर में लगातार कमजोरी होना, उल्टियां आना, मन खराब रहना तथा पेट में जलन होना जैसे लक्षण शामिल है।

5. निगलने में दिक्कत तथा खराब पाचन आहार नली, पेट अथवा गले के कैंसर के लक्षण होते हैं।

यदि आपको निगलने में दिक्कत हो रही है तथा पाचन तंत्र खराब है तो कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। निगलने में दिक्कत होना गले के कैंसर के प्रमुख लक्षणों में से एक माना जाता है। खाना खाने और निगलने में दिक्कत होने पर लोग उन चीजों को खाना बंद कर देते हैं लेकिन यह गले के कैंसर का प्रमुख कारण हो सकता है। इसलिए यदि आपको लंबे समय तक निगलने में दिक्कत हो अथवा पाचन तंत्र खराब हो तो चिकित्सक को अवश्य दिखाएं।
6. पेट और पीठ में दर्द होना भी है किडनी कैंसर, बोन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण।
पीठ में दर्द होना केंसर का लक्षण है। इस प्रकार के कैंसर में रीड की हड्डी में ट्यूमर बन जाता है तथा हड्डियां कमजोर हो जाती है और फैल जाती हैं ऐसे में पीठ के साथ-साथ पेट में भी दर्द होने लगता है। बोन कैंसर सामान्यतः बच्चों तथा बुजुर्गों को अपना शिकार बनाता है। बोन कैंसर कैल्शियम की कमी के कारण हो सकता है। प्रोस्टेट कैंसर पुरुष ग्रंथि में होने वाला कैंसर है। यह पुरुषों को तेजी से अपना शिकार बना रहा है।


7. बिना दर्द की पुरानी गाँठ स्तन कैन्सर, टेस्टिस कैन्सर और थायराइड कैंसर के लक्षण।
कैंसर की गांठ की अहम पहचान यह है कि यह अधिक समय तक बिना दर्द के रहती हैं। यदि पुरानी ट्यूमर या किसी ग्रंथि में लंबे समय तक सूजन रहती है तो यह कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। किसी ग्रंथि में लंबे समय तक सूजन अथवा ट्यूमर होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
8. शरीर के अंगों में दर्द रहना लीवर टेस्टिकुलर अथवा ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हो सकतें हैं।

यदि लंबे समय से दर्द है तो यह टेस्टिकुलर कैन्सर अथवा हड्डी कैंसर का लक्षण हो सकता है। दर्द का मतलब है कि कैंसर शरीर के कई अंगों में पहुंच चुका है। गर्भाशय कैंसर में पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द होता है जबकि ब्रेस्ट कैंसर में पीठ में दर्द रहता है। ब्रेस्ट कैंसर सामान्यतः महिलाओं में होता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह पुरुषों में नहीं होता। ब्रेस्ट कैंसर में शुरू शुरू में स्तनों में एक गांठ जैसी महसूस होती है जो धीरे-धीरे फैलने लगती है और घातक रूप ले लेती है। जब कैंसर के शुरुआती लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से दिखाएं।