गणेश क्रिया(ganesh kriya)को करने के लिए सर्वप्रथम प्रातः काल में उठकर शौच आदि से निवृत होते है। गणेश क्रिया द्वारा आंत में चिपका हुआ मल तथा विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। इसमें मध्यमा अंगुली पर हल्दी लगाकर गुदा को साफ करने की प्रक्रिया को गणेश क्रिया कहा जाता है। हल्दी में एंटीबायोटिक गुण पाया जाता है जो विषाक्त पदार्थों को खत्म करती हैं। गणेश क्रिया करने में कठिन लगती है और कुछ लोग शायद इस क्रिया को करने में संकोच भी करें लेकिन यह क्रिया अत्यंत लाभदायक साबित होती है।
गणेश क्रिया(ganesh kriya)का अर्थ :
गणेश क्रिया हठयोग की क्रिया है जिसमें गुदा के अंदर का मल तथा गंदगी को बाहर निकाला जाता है। गणेश क्रिया में गुदा मार्ग की गंदगी साफ हो जाती है। और गुदा संकोच प्रसार का भी अभ्यास हो जाता है। गणेश क्रिया बस्ती क्रिया के पूर्व की जाने वाली क्रिया है।


गणेश क्रिया करने के लिए सामग्री :
गणेश क्रिया को करने के लिए ताजा कच्ची हल्दी, लंबी वाली अथवा साफ बारीक पीसी हुई हल्दी होना आवश्यक है।
गणेश क्रिया करने की विधि। गणेश क्रिया कैसे करें।
1.गणेश क्रिया करने के लिए कच्ची हल्दी को चारों तरफ से छील ले। इसके लिए चाकू या ब्लेड का प्रयोग किया जा सकता है।
2. गणेश क्रिया करने से पूर्व प्रातः काल में शौच आदि से निवृत हो ले।
3. अब छिली हुई हल्दी को गुदाद्वार में प्रवेश कराकर 5 मिनट तक शौचालय में बैठे।
4. इसके बाद हल्दी को बाहर निकाल दें और गुदाद्वार को स्वच्छ पानी से साफ कर लेवे।
5. यदि कच्चे हल्दी उपलब्ध ना हो तो पिसी हुई हल्दी को मध्यमा अंगुली पर लेप कर ले। उसके बाद मध्यमा अंगुली को गुदाद्वार में चारों तरफ क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज घुमाएं।
6. थोड़ी देर पश्चात गुदाद्वार को स्वच्छ पानी से साफ कर लें।
गणेश क्रिया करने के लाभ। गणेश क्रिया करने के फायदे।benefits of ganesh kriya.
1. गणेश क्रिया द्वारा आंत की की गंदगी और विषाक्त पदार्थ साफ हो जाते हैं।
2. गणेश क्रिया द्वारा रक्त का शुद्धिकरण होता है अर्थात यह क्रिया रक्त को साफ करने का कार्य करती है।
3. गणेश क्रिया करने से बड़ी आंत में होने वाली आंव की समस्या दूर होती है।
4. यह क्रिया बवासीर के रोगियों के लिए लाभदायक है इस क्रिया को करने से बवासीर की समस्या नहीं होती है।
5. गणेश क्रिया करने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। और पेट अच्छी तरह से साफ होता है।
6. गणेश क्रिया को करने से पेट तो साफ होता ही है इसके साथ ही बड़ी आत, गुदा और लिंग के रोग समाप्त हो जाते हैं।
7. गणेश क्रिया करने से पेट के साफ होने से चेहरे पर तेज आ जाता है और कांति बढ़ जाती है। और व्यक्ति जवान बना रहता है।
8. गणेश क्रिया करने से चेहरे पर झुरिया, कालापन और झाइयां पड़ने की समस्या दूर हो जाती है।
गणेश क्रिया करने का समय और अवधि :
गणेश क्रिया को प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शौच आदि से निवृत होने के पश्चात करना चाहिए। इस क्रिया को सप्ताह में एक बार अवश्य करना चाहिए।