हार्ट एसोसिएशन और हार्ट विशेषज्ञों ने दिल की बीमारी के खतरे को कम करने के लिए स्ट्रैटेजिक प्लान बनाया है।
दिल(हार्ट)की बीमारी लगभग हर उम्र के इंसान में देखने को मिल सकती हैं। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में जीवन का अव्यवस्थित पैटर्न तथा अनुचित खान-पान के चलते दिल के रोगियों में वृद्धि हो रही है। अक्सर हमें सुनने को मिल जाता है कि इतनी कम उम्र में दिल की बीमारी कैसे हो गई। लेकिन अचानक कुछ नहीं होता हर बड़ी बीमारी की शुरुआत सूक्ष्म रूप से ही होती है।
तो आइए जानते हैं दिल की बीमारी के खतरे से कैसे बचा जा सकता है।
दिल(हार्ट)की बीमारी से बचाने मैं मददगार है यह 6 सावधानियां ।
दिल(हार्ट) की बीमारी से बचने के लिए आप यह छः सावधानियां अपना सकते हैं।
1.एक्सरसाइज़-दिल की बीमारी से बचने के लिए 50 मिनट एरोबिक यानी मौत का खतरा 50% कम।

दिल की बीमारी से बचने के लिए एक्सरसाइज अत्यंत उपयोगी है। Centre for Disease Control and prevention के अनुसार सभी युवाओं को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज करनी चाहिए। अथवा 30-30 मिनट के 2 सेशन करने चाहिए। इसमें रनिंग,स्विमिंग,साइकिल चलाना, बास्केटबॉल टेनिस तथा अन्य खेल शामिल है।
इन एक्सरसाइज के 6 फायदे हैं।
1 . दिल की कार्य प्रणाली मजबूत होती।
2. गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
3. शरीर मे ट्राइग्लिसराइड्स( एक तरह का फैट है) कम होता है।
4. ब्लड प्रेशर और धड़कन बेहतर होती हैं।
5. ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
6. इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है।
2. शुगर – दिल की बीमारी से बचने के लिए खाली पेट रीडिंग 126 से अधिक ना हो।

अमेरिका के क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 100 मिग्रा प्रति डेसिलीटर है तो यह सामान्य है। लेकिन 110-125 है तो इसे प्री-डाइबिटिक माना जाता है। और अगर इससे अधिक है तो इसे टाइप-2 डाइबिटीज माना जाता है।
3. धूम्रपान– दिल की बीमारी से बचने के लिए स्मोकिंग छोड़ दे तो खतरा आधा।

दिल की बीमारी में धूम्रपान से खतरा अधिक होता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार धूम्रपान तथा तंबाकू उत्पादों का सेवन करना दिल की बीमारी का बहुत बड़ा रिस्क फैक्टर है। धूम्रपान तथा तंबाकू उत्पादों का सेवन करने वाले लोगों में हार्ट अटैक का खतरा दोगुना तथा स्ट्रोक का खतरा 3 गुना होता है। ह्दय रोगी यदि धूम्रपान तथा तंबाकू का सेवन करना छोड़ दे तो हार्टअटैक का खतरा 50 फ़ीसदी तक कम हो जाता है। है
4. ब्लड प्रेशर– दिल की बीमारी से बचने के लिए 120/80 तक होना चाहिए।

दिल की बीमारी में हाई ब्लड प्रेशर से आर्टिरीज की दीवारों पर दबाव पड़ता है। जिससे वे सिकुड़ने तथा अकड़ने लगती है।जिससे ह्दय की मांसपेशियां मोटी होकर कमजोर होने लगती हैं। रक्त वाहिनीका सिर से फट सकती है जिससे यह स्ट्रोक का कारण बन सकता है। ब्लड प्रेशर120/80 होना चाहिए। अधिकतम 120 तथा न्यूनतम 80 होना चाहिए। 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों में ब्लड प्रेशर का खतरा 65% से अधिक होता है।
5. cholesterol( कोलेस्ट्रॉल)- दिल की बीमारी से बचने के लिए हर 4 से 6 वर्ष में जांच जरूरी।

दिल की बीमारी से बचने के लिए कोलेस्ट्रोल के स्तर को नियंत्रित रखना चाहिए। हार्ट एसोसिएशन के अनुसार 4 से 6 वर्ष में कोलेस्ट्रोल के स्तर की जांच करानी चाहिए।डाईट,एक्सरसाइज़ तथा लाइफ स्टाइल में बदलाव से इसे बेहतर किया जा सकता है। अखरोट, बादाम और नट्स गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं। सेब, स्ट्रॉबेरी, ऑलिव ऑयल, बीन्स तथा सब्जियों से भी कोलेस्ट्रॉल का स्तर सुधरता है। ट्राइग्लिसराइड ,शक्कर ,पास्ता, ब्रेड जैसे रिफाइंड कार्ब्स से बढ़ता है।
6.कमर- दिल की बीमारी से बचने के लिए पुरुषों की कमर 37 इंच से तथा महिलाओं के कमर 31.5 इंच से अधिक ना हो।

दिल की बीमारी से बचने के लिए यदि महिलाओं के कमर 31 पॉइंट 5 इंच या उससे कम है तो दिल के रोग का खतरा कम होता है। यदि कमर 31.6-34.9 इन्च है तो खतरा मध्यम होगा। 35 इंच से अधिक कमर हो जाने पर खतरा अत्यधिक हो जाता है। वहीं पुरुषों की कमर 37 इंच तक है तो दिल की बीमारी का खतरा निम्नतम होता है। तथा 37.1-39.9 इन्च है तो दिल की बीमारी का खतरा मध्यम होता है। वही 40 इंच से अधिक होने पर दिल की बीमारी का खतरा अत्यधिक हो जाता है।