नाक से अचानक खून निकलने को नासास्राव अथवा नकसीर कहते हैं। वैसे तो नाक से खून आने की समस्या किसी भी मौसम में हो सकती है। लेकिन यह गर्मियों में अधिक देखी जा सकती हैं इसका प्रमुख कारण है शरीर के तापमान में वृद्धि जब शरीर की गर्मी मस्तिष्क तक पहुंचने लगती है। तब नाक से ब्लीडिंग होने लगती हैं इसे नकसीर कहते हैं। नकसीर को डॉक्टरी भाषा में एपिस्टैक्सिस कहा जाता है।
नकसीर आने के कारण।
नकसीर आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि साइनस में सूजन आना, कोकीन का अधिक उपयोग, एलर्जी, एस्प्रिन का उपयोग करना, नाक में ट्यूमर होना, शराब अधिक पीना, शरीर में गर्मी बढ़ना,रक्त दाब का उच्च होना या हाई ब्लड प्रेशर, नाक पर चोट लगना इंजरी होना, ट्रॉमा या व्यक्ति को अधिक समय तक जुखाम रहने से भी नकसीर आ सकती हैं। इसके साथ ही गर्म चीजों के अधिक सेवन से भी नाक से खून बहने लगता है। नाक में एक खास जगह होती है इसमें ब्लड सप्लाई अधिक होती है। नकसीर आने पर यहां की रक्तनलिकाऐ खुल जाती हैं जाती हैं। कई बार व्यक्ति को क्रॉनिक साइनुसाइटिस के कारण भी नकसीर आती हैं। इसमें कोई भी आंतरिक तकलीफ नहीं होती यह केवल बाहरी समस्याजब कभी अचानक नकसीर आती है तो इसे एक्यूट कहते है।
सामान्यतः पर जब व्यक्ति को नाक में संक्रमण होता है अथवा बार बार नाक में अंगुली डालकर साफ करने, हाई ब्लडप्रेशर, हाइपरटेंशन, यार रक्त को पतला करने वाली दवाइयां लेने वाले व्यक्ति में नकसीर आने की संभावना अधिक रहती हैं।
नकसीर आने पर क्या करें।
नकसीर आने पर रोगी को सबसे पहले ठंडे स्थान पर ले जाना चाहिए रोगी के जूते मुझे उतार देना चाहिए ताकि गर्मी तलवों से निकल सके। नकसीर आने पर रोगी को कभी भी लेटाना नही चाहिए। बल्कि नाक के ऊपरी हिस्से को अंगुलियों से हल्का दबाकर रखना चाहिए। ऐसा करने से रक्त का थक्का बन जाता है तथा नकसीर रुक जाती हैं। नकसीर में ट्रेनेंमेका ऑइंटमेंट और कुछ दवाइयां खाने के लिए भी देते हैं। यदि फिर भी नकसीर नहीं रुकती है तो नेजल पैकिंग किया जाता है।

नकसीर आने पर नेजल पैकिंग कैसे करते हैं।
यदि नकसीर में होने वाली बिल्डिंग रुकती नहीं है तो नेजल पैकिंग किया जाता है। नेजल पैकिंग में चोट पर बांधने वाली पट्टी को दवाई में भिगोकर नाक के दोनों छेदो में डालकर पैक कर देते हैं। और दो या तीन दिन बाद इनको हटा दिया जाता है। नकसीर में उपयोग होने वाली दवाई हिमोकॉलगुलेट प्रकार की दवाई होती हैं जो रक्त का थक्का बनाने में मददगार होती है।

नकसीर का इलाज।
नकसीर का इलाज करने से पूर्व नकसीर आने का कारण जाना जाता है। यदि व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर के कारण नकसीर आती है तो दवाइयों के द्वारा उसकी बीपी को कंट्रोल किया जाता है। यदि व्यक्ति को किसी चोट, नाक में खरोच अथवा नाखून लगने से नकसीर आई है तो उसके नेजल पैकिंग की जाती हैं। तुरंत इलाज में ऑइंटमेंट लगाते हैं। शरीर में गर्मी बढ़ने से भी नकसीर आ सकती है इसलिए सिर पर ठंडा पानी डालने से नकसीर तुरंत रुक जाती है। नकसीर के कई इलाज है जिनको नकसीर के कारण के अनुसार कर सकते हैं।
1.आयुर्वेदिक इलाज
नकसीर आने को आयुर्वेद के अनुसार पित्त बढ़ने की समस्या माना जाता है। रोगी को बैंगन, शिमला मिर्च, चाय, कॉफी, मसालेदार खाना और गर्म चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए। रोगी के नाक में दूब के रस की एक दो बूंद डालने से राहत मिलती है। नाभि के नीचे वाले भाग पर 7 से 8 दिन तक चिकनी मिट्टी का लेप करना चाहिए व 20 से 25 मिनट तक लगाने के बाद मिट्टी का दोबारा प्रयोग नहीं करना चाहिए। रोगी को चंदन, गुलाब और कसकस का शरबत पिलाऐ। गुलाब की पंखुड़ियों और धागा मिश्री को दोपहर के समय में उपयोग में लेना चाहिए।
2. होम्योपैथी इलाज
लंबे समय से हो रही जुखाम में नाक से पपड़ी हटने के कारण नकसीर आने पर सल्फर दवा देते हैं। नकसीर के साथ दर्द व जलन होने पर भी सल्फर दवाई देते हैं। यदि शरीर में थकान तथा सिर दर्द है और साथ में नकसीर आती है तो नेट्रम नाइट्रिकम देते हैं।
3.नकसीर का घरेलू इलाज
1.ठंडा पानी डालें – नकसीर आने पर रोगी के सिर पर ठंडा पानी डालना चाहिए। और किसी कपड़े में बर्फ लपेटकर नाक तथा सिर के पास लगाना चाहिए। इससे नकसीर आना तुरंत बंद हो जाती हैं।
2. नाक में एक दो बूंद सरसों का तेल डालें – नकसीर आने वाले व्यक्ति के नाक में एक दो बूंद सरसों का तेल हल्का सा गर्म करके डालना चाहिए। इससे नकसीर नहीं आती हैं।
3. नाक में एक या दो बूंद प्याज का रस डालें – नकसीर में प्याज का रस असरदार होता है। नाक में एक दो बूंद प्याज का रस डालने से नकसीर आना बंद हो जाती है।
4. एक या दो बूंद शीशम के पत्तों का रस भी असरदार – शीशम के पत्तों को पीसकर एक या दो बूंद नाक में डालने से नकसीर आना बंद हो जाती है तथा रोजाना दो चम्मच शीशम के पत्तों का रस पीने से भी फायदा होता है।
5.तुरंत ठंडे स्थान पर जाए – नकसीर आने पर रोगी को सबसे पहले ठंडे स्थान पर ले जाए तथा जूते और मोजे उतार दें ताकि गर्मी तलवों से बाहर निकल सके।
6.आगे झुक कर बैठ जाए – नकसीर आने पर तुरंत बैठ जाए और आगे की तरफ झुक जाए सिर को ऊपर की तरफ नहीं उठाना चाहिए क्योंकि खून अंदर जा सकता है।
7. खून के प्रवाह को रोकना जरूरी – नाक पर रूमाल, टिशू पेपर अथवा कपड़ा रख ले ताकि यह खून को सोख सके। अंगूठे और तर्जनी अंगुली की मदद से नाक की जड़ को दबा लें ताकि खून का प्रवाह रुक जाए।
यदि सामान्य उपचार के बाद भी नकसीर नहीं रुकती है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
तो दोस्तों मैं आशा करता हूं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी धन्यवाद।