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सांप में विष कहा से आता है। यह विष कैसे इन्सान की जान लेता है।

सांप में विष कहा से आता है। यह विष कैसे इन्सान की जान लेता है। सामान्यतः सांप दो प्रकार के होते हैं विषाक्त (विष वाले) तथा अविषाक्त (बिना विष वाले)। सभी जहरीले सांपों के सिर में विष बनाने वाली संरचना होती है। इन विष संरचनाओं में एक जोड़ी विष ग्रंथियां, इनकी नलिया, विषदंत तथा पेशियां होती है। विष ग्रंथियों से विष सांप के जबड़े में आता है। ये विष ग्रंथियाँ सांप के ऊपरी जबड़े में आंखों के निचले हिस्से में उपस्थित होती है। सांपों की प्रजाति के अनुसार विष ग्रंथियों का आकार अलग अलग हो सकता है। इन दोनों विष ग्रंथियों में बनने वाला विष नलियों की सहायता से विषदंतो तक पहुंचता है। यह विषदंत नुकीले तथा अंदर से खोखले होते हैं जिनसे विष का प्रवाह आसानी हो सकता है। सांप अपने शिकार के दौरान इन्हें शिकार के शरीर मैं डालकर विष से शिकार को मार देता है।

सांप में विष कहा से आता है। यह विष कैसे इन्सान की जान लेता है।

सांप विष( poison)कैसा होता है।

सांप का विष साफ़ तथा चिपचिपा पीले व हल्के रंग का द्रव्य होता है। जिसकी प्रकृति अम्लीय होतीं हैं। सांप का विष दो प्रकार का होता है। न्युरोटोक्सिक और हीमोटोक्सिक

सांप का विष कैसे कार्य करता है।

न्युरोटोक्सिक विष से श्वसन क्रिया पर प्रभाव पड़ता है ।यह विष शरीर में जाने पर श्वसन क्रिया संचालित करने वाली पेशियों के कामकाज को बन्द कर देता है। जिससे दम घुटने से मृत्यु हो जाती हैं।

हिमोटोक्सिक विष शरीर में जाने पर ऊत्तको पर प्रभाव डालता है। यह ऊत्तको का विनाश कर हेमरेज कि स्थिति उत्पन्न कर देता है। जिससे मृत्यु हो जाती हैं।

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