देश का पहला बाजरा अनुसंधान संस्थान।

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भारत का पहला बाजरा अनुसंधान संस्थान राजस्थान में खुलने जा रहा है। राजस्थान में बाजरे का सर्वाधिक उत्पादन देखते हुए यह संस्थान बाड़मेर में खुलेगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने इसके लिए 100 एकड़ जमीन की मांग की है। वर्तमान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से सिर्फ जोधपुर में अखिल भारतीय समन्वित बाजरा अनुसंधान परियोजना है। इसके अंदर भारत में कुल 13 केंद्र कार्य कर रहे हैं।

बाजरा उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान देश में पहले नंबर पर।

देश में बाजरे के कुल उत्पादन का 42% उत्पादन राजस्थान में होता है। भारत में कुल 9.8 मिलियन हेक्टेयर में बाजरा बोया जाता है जिसका उत्पादन लगभग 9.4 मिलियन टन है। जिसमें से अकेले राजस्थान में 3.75 मिलियन टन का उत्पादन होता है। जो कि देश के कुल उत्पादन का 42% हिस्सा है। राजस्थान में भारत का कुल 56% क्षेत्रफल में बाजरा बोया जाता है।

देश का पहला बाजरा अनुसंधान संस्थान।

बाजरा अनुसंधान संस्थान का यह होगा फायदा।

बाजरा अनुसंधान संस्थान से प्रदेश में बाजरे के बीज तथा उत्पादन को लेकर स्वावलंबी बनने की और बड़ा कदम होगा। बाजरा अनुसंधान संस्थान खोलने से बाजरे की जैव विविधता उच्च होगी। गुणवत्ता युक्त उचित दाम मिल सकेंगे। प्रमाणित बीज, मूल्य संवर्धन आधारित बाजरा बीज जैविक प्रमाणीकरण संस्थान, बीजों के व्यापार संबंधित उद्योग, कृषि आधारित कुटीर उद्योग का विकास होगा। जिससे ना केवल राजस्थान बल्कि हरियाणा यूपी मध्य प्रदेश के किसानों को भी फायदा होगा।

भारत का पहला बाजरा अनुसंधान संस्थान।

भारत का पहला बाजरा अनुसंधान संस्थान राजस्थान के बाड़मेर जिले में खुलने जा रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से जोधपुर में अखिल भारतीय समन्वित बाजरा अनुसंधान परियोजना है। बाजरा अनुसंधान संस्थान से प्रदेश में बाजरे के बीज तथा उत्पादन को लेकर स्वावलंबी बनने की और बड़ा कदम होगा।

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