सुंदर दिखने वाला दूधराज पक्षी ( इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर) अक्सर घने जंगलों में रहना पसंद करते है। दूधराज पक्षी को 1985 में मध्य प्रदेश का राज्य पक्षी घोषित किया गया था। अंग्रेजी में इसे एशियाई दिव्यलौकी कीटमार कहा जाता है। यह छोटा सा सुंदर पक्षी होता है जो घने जंगलों, बगीचों, घने पतझड़ वनो, और बांस के जंगलों में पाया जाता है। यह एक चंचल स्वभाव का पक्षी है जो ज्यादातर तालाबों सरोवर और नदियों के पास में रहता है। तो आइए जानते हैं दूधराज पक्षी के बारे में कुछ रोचक जानकारी
दूधराज पक्षी की जानकारी।
1.दूधराज पक्षी का सामान्य नाम सुल्ताना बुलबुल है। इसका वैज्ञानिक नाम टेरसीफोन पैरादिसी Terpsiphone paradise हैं। दूधराज पक्षी का वजन लगभग 20 ग्राम होता है। यह एक शोर करने वाला पक्षी है जिसकी आवाज ची,ची पता चीव्ट,चीव्ट जैसी होती है। इसलिए इसे कई स्थानों पर चीव्ट के नाम से भी जाना जाता है।
2.इनमें नर पक्षियों के दो रूप देखने को मिलते हैं। एक प्रकार के नर की पीठ पर लाल और भूरे रंग के पंख पाए जाते हैं। जबकि दूसरे प्रकार का नर सफेद तथा हल्के ग्रे रंग का होता है। दोनों प्रकार के नरो के सिर का रंग चमकीला होता है।

3. मादा के सिर का रंग भी नरो की तरह ही चमकीला होता है और मादा के शरीर का ऊपरी हिस्सा गहरा भूरा लाल और केसरिया होता है। जबकि निचला हिस्सा सफेद और हरे रंग का होता है। मादा दूधराज पक्षी की पूछ नर के मुकाबले काफी छोटी होती है।

4.दुनिया भर के सभी पक्षियों की प्रजाति में केवल दूधराज पक्षी की पूंछ ही उसके शरीर से चार गुना लंबाई की होती है।
5.दूधराज पक्षी की आंखें काली होती है तथा आंखों के पास गहरे नीले और काले रंग की रिंग बनी हुई होती है।
6. दूधराज पक्षी की चोंच छोटी गोल और पतली होती हैं जिसका रंग गहरा नीला और काला होता है।
7. नर के पूंछ की लंबाई 20 से 24 सेंटीमीटर होती है इनकी पूंछ में से दो 30 सेंटीमीटर लंबे पंख निकले हुए रहते हैं। और इनके पंखों का फैलाव 86 सेंटीमीटर से 92 सेंटीमीटर तक होता है।
8. दूधराज पक्षी या सुल्ताना बुलबुल अपने जीवन काल में केवल एक ही माता से संबंध बनाते हैं। अर्थात एक ही मादा के साथ जोड़ा बनाते हैं इस व्यवहार को Monogamous कहते है।
9. यह पक्षी अपना घोंसला छिपे हुए स्थानों पर बनाना पसंद करते हैं। और आमतौर पर जमीन पर नहीं उतरता है। यह पक्षी घोंसला बनाने के लिए घास के तीनको और टहनियों का इस्तेमाल करते हैं। नर और मादा दूधराज पक्षी दोनों साथ मिलकर घौंसले का निर्माण करते हैं।

10. दूधराज पक्षी का भोजन छोटे-छोटे कीट पतंगे मक्खियां तितलियां होते हैं। और अगर दूधराज पक्षी के जीवन काल की बात करें तो यह लगभग 6 साल तक जीवित रहते हैं।
11. दूधराज पक्षी के प्रजनन का मौसम करीब मार्च से जुलाई के मध्य में होता है। मादा दूधराज पक्षी तीन से पांच तक अंडे देती है। और करीब 18 दिनों तक अपने अंडों को सेहती है।
दूधराज पक्षी अथवा सुल्ताना बुलबुल कहां पाया जाता हैं।
दूधराज पक्षी अथवा इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर की प्रजाति भारत के अलावा मलेशिया सुंबा श्रीलंका मंचूरिया तुर्किस्तान और अलव द्वीप में पाई जाती है। दक्षिण भारत और श्रीलंका में इनकी मूल प्रजाति पाई जाती है और सर्दी आने पर इनके प्रवासी प्रजाति भी यहां पर आ जाती हैं। यह एक प्रवासी पक्षी है जो सर्दियों का मौसम एशिया के उष्णकटिबंधीय जंगलों में व्यतीत करते हैं।
दूधराज पक्षी का वैज्ञानिक नाम तथा अन्य किन नामों से जाना जाता है ।
आपको बता दें कि दूधराज पक्षी का वैज्ञानिक नाम टेरसीफोन पैरादिसी Terpsiphone paradise हैं। इसको सुल्ताना बुलबुल, एशियाई दिव्यलौकी कीटमार, शाह बुलबुल, इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर और चीव्ट आदि नामों से जाना जाता है।
दूधराज पक्षी का चित्र (फोटो)









तो दोस्तों मैं आशा करता हूं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी धन्यवाद।