सप्त पुरियां (sapta puri): भारत के सबसे पवित्र मोक्ष प्राप्ति के सात तीर्थस्थल।

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भारतीय संस्कृति में सप्त पुरिया भारत के सबसे पवित्र शहर है । ये शहर 1.अयोध्या 2.मथुरा 3.काशी 4.माया 5.उज्जैन 6.द्वारिका 7.कांचीपुरम हैं। धार्मिक मान्यता, विश्वास और आस्था में मोक्ष को सर्वोपरि माना गया है और मोक्ष प्राप्ति के लिए इन सात शहरों को सात तीर्थ स्थलों के नाम से भी जाना जाता है। सप्तपुरियां अनेकता में एकता के के वाक्य को चरितार्थ करती है। सप्तपुरीयों के प्रति लोगों का धार्मिक विश्वास और आस्था के चलते इन सप्त पुरियों को रेल मार्ग ,सड़क मार्ग और वायु मार्ग से जोड़ा गया है। आइए इन सप्त पूरियों के बारे में विस्तार से जानते हैं….

1. अयोध्या (Ayodhya)।

अयोध्या भारत की सबसे प्राचीन नगरों में से एक है यह भगवान श्री राम की जन्म स्थली है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। अयोध्या का पुराना नाम साकेत भी मिलता है। यह जनपद काल में कौशल जनपद की राजधानी थी। यह सरयू नदी के किनारे बसा हुआ बहुत ही सुंदर शहर है, जिसे मनु ने बसाया था। अयोध्या सप्तपुरीयों में से एक होने तथा भगवान श्री राम की जन्म स्थली होने के कारण पूरे विश्व भर में हिंदू धर्म के लोगों के लिए आस्था के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है।

2. मथुरा (Mathura).

मथुरा सप्तपुरी में शामिल भारत की सात सबसे पवित्र स्थलों में से एक है।यह भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है। मथुरा के पास की वृंदावन और गोवर्धन पर्वत है। मथुरा शूरसेन जनपद की राजधानी थी। वर्तमान में मथुरा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में है।भगवान श्री कृष्ण के भक्तों के लिए यह सबसे बड़ा आस्था का केंद्र है। यहां देश-विदेश से लोग भगवान श्री कृष्ण के दर्शन के लिए आते हैं।

3.काशी (Kashi ).

सप्तपुरियों में शामिल काशी का वर्तमान नाम वाराणसी है । काशी बाबा विश्वनाथ तथा शाम की गंगा आरती के लिए प्रसिद्ध है यह शहर भारत की आध्यात्मिक राजधानी भी माना जाता है। काशी वर्तमान में भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है ।पुरानी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काशी भगवान विष्णु की पूरी के नाम से जानी जाती थी लेकिन जब भगवान शिव ने ब्रह्मा जी का एक सिर काट दिया था तो उनका करताल से चिपक गया था काशी में ही भगवान शिव को ब्रह्मा जी की हत्या के पाप से मुक्ति मिली थी उसके बाद भगवान शिव को यह नगरी बहुत ज्यादा पसंद आई तो उन्होंने भगवान विष्णु से यह नगरी रहने के लिए मांग ली थी तब से नगरी बाबा विश्वनाथ की नगरी के नाम से जानी जाती है। काशी सप्तपुरियों तथा भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है।

4.माया (maya).

माया सप्तपुरी में शामिल सबसे प्रमुख स्थल माना जाता है क्योंकि यहीं से होकर बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम का रास्ता जाता है। माया उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार में स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय धन्वंतरी अमृत लेकर प्रकट हुए थे तो भारत के 4 स्थानों पर अमृत की कुछ बूंदें गिरी थी उनमें से एक स्थान हरिद्वार भी है।

5. उज्जैन (ujjain).

सप्तपुरियों शामिल उज्जैन भगवान शिव के भक्तों की आस्था के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है । सप्तपुरी के साथ यह 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल है ।यह महाकालेश्वर धाम के लिए प्रसिद्ध है।यह वर्तमान में भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। उज्जैन शिप्रा नदी के किनारे बसा हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार उज्जैन के राजा भगवान शिव है अन्य कोई भी राजा यहां शासन नहीं कर सकता। उज्जैन में ही भगवान श्री कृष्ण ने अपनी शिक्षा पूर्ण की थी। उज्जैन में कुंभ के मेले का आयोजन भी होता है।

6. द्वारिका (Dwarika).

सप्तपुरीयों शामिल द्वारिका भारत के चार धामों में से भी एक है। यह भगवान श्री कृष्ण की कर्म भूमि के रूप में भी जानी जाती है। द्वारिका गोमती नदी के किनारे स्थित है। वर्तमान में द्वारिका जल मग्न हो चुकी है,जो भारत के गुजरात राज्य में स्थित है।

7. कांचीपुरम (Kanchipuram).

सप्तपुरी में शामिल कांचीपुरम भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है। वर्तमान में यह तमिलनाडु राज्य में स्थित है। यहां पर वैष्णव तथा शिव संप्रदाय दोनों के भक्त बड़ी संख्या में आते हैं।

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